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पोषण भी पढ़ाई भी

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नई दिल्ली (मा.स.स.). महिला एवं बाल विकास मंत्रालय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) को बेहतर बनाने की प्रमुख गतिविधियों पर कल राष्ट्रीय कार्यक्रम को आयोजित कर रहा है, जो मिशन सक्षम आंगनवाड़ी तथा पोषण अभियान के दूसरे चरण (मिशन पोषण 2.0) का एक महत्वपूर्ण घटक है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उल्लिखित है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जूबिन इरानी की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन कल यानी 10 मई 2023 को विज्ञान भवन में किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई; महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव इंदीवर पाण्डेय और कर्नाटक सरकार के विद्यालयी शिक्षा विभाग में पूर्व सचिव संजय कौल तथा मंत्रालय के अधीन प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्य दल के अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। आयोजन में केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी मुख्य भाषण देंगी। एक पैनल चर्चा के दौरान महाराष्ट्र, मेघालय, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्य प्रणालियों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास/सामाजिक न्याय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित लगभग 800 एकीकृत बाल विकास सेवा पदाधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शुरुआती बाल्यावस्था वाले बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर करना है। योजना के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझाव के अनुसार भारत में दुनिया का सबसे बड़ा, सार्वभौमिक, उच्च-गुणवत्ता वाला आरंभिक विद्यालयी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए एक पथप्रदर्शक प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्यक्रम “पोषण भी पढ़ाई भी” शुरू कर रहा है।

कार्यक्रम के वक्ता इस महत्वपूर्ण आवश्यकता के प्रति उपस्थित लोगों को जागरुक करेंगे और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्यक्रम तथा मिशन पोषण के तहत कई उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग आंगनवाड़ी को आरंभिक विद्यालयी शिक्षा केंद्र में परिवर्तित करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण गतिविधियों पर चर्चा करेंगे। विषय विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस मंच का उपयोग विभिन्न ईसीसीई गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए करेंगे। मंत्रालय द्वारा गठित प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्य दल के अध्यक्ष से यह अपेक्षित किया गया है कि वे प्रतिभागियों को ईसीसीई टास्कफोर्स द्वारा अनुशंसित प्रमुख कार्रवाई वाली गतिविधियों से अवगत कराएंगे।

देश भर में करीब 13.9 लाख संचालित आंगनवाड़ी केंद्र 6 साल से कम उम्र के लगभग 8 करोड़ लाभार्थी बच्चों को पूरक पोषण एवं प्रारंभिक देखभाल व शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जिससे यह दुनिया में इस तरह की सेवाओं को उपलब्ध कराने वाला सबसे बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम बन गया है। 6 वर्ष की आयु तक 85% मस्तिष्क क्षमता विकास प्राप्त करने के वैश्विक प्रमाण को ध्यान में रखते हुए आंगनवाड़ी इकोसिस्टम, देश के बच्चों का भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से उनकी आधारभूत संभावनाओं के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र सा बन जाता है।

सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ के साथ-साथ देश की भावी पीढ़ियों की नींव को मजबूत करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा में वर्णित प्रत्येक क्षेत्र में बच्चों के विकास को लक्षित करेगी, जिसमें शारीरिक व मानसिक विकास, ज्ञान-संबंधी विकास, सामाजिक-भावनात्मक-नैतिक विकास, सांस्कृतिक/कलात्मक विकास और संचार एवं प्रारंभिक भाषा, साक्षरता का प्रसार तथा अंकज्ञान शामिल है। सभी राज्य दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सहायता के अलावा 0-3 वर्ष के बच्चों के साथ ही 3-6 वर्ष के बच्चों के विकासात्मक स्तर पर लक्षित, खेल-आधारित, गतिविधि-आधारित सीखने की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्य दल की सिफारिशों का पालन करेंगे।

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा नीति द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों जैसे कि ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ के माध्यम से प्रत्येक बच्चे को दैनिक आधार पर कम से कम दो घंटे की उच्च-गुणवत्ता वाली आरंभिक विद्यालयी शिक्षा प्रदान की जाएगी। जिस तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सिफारिश की गई है, तो उसी आधार पर आंगनवाड़ी केंद्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, खेल के उपकरण और अच्छी तरह से प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/शिक्षकों के साथ सशक्त बनाया जाएगा।

‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम बच्चों के लिए समग्र एवं गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक प्रोत्साहन और आरंभिक-प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने, विकासात्मक रूप से उपयुक्त शिक्षाशास्त्र के उपयोग को सुनिश्चित करने तथा प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ शुरुआती बचपन के समय में स्वास्थ्य व पोषण संबंधी सेवाओं पर जोर देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम प्राथमिक शिक्षण निर्देश माध्यम के रूप में मातृभाषा में सीखने एवं सिखाने हेतु आंगनवाड़ी सेविकाओं को विभिन्न प्रकार की शिक्षण-अधिगम सामग्री (दृश्य सहायक, श्रव्य साधन, दृश्य-श्रव्य व शारीरिक-गतिज सहायक) प्रदान करेगा और देश की भावी पीढ़ियों की नींव को मजबूत करने में समुदायों को शामिल करने के लिए एक जन आंदोलन बनाने में मदद करेगा।

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