नई दिल्ली. भारतीय नौसेना अपने आपको लगातार ताकतवर बना रही है। इसी बीच पीएम मोदी की आगामी फ्रांस विजिट के दौरान 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमान को लेकर एक समझौते पर साइन होने की उम्मीद है। भारतीय नौसेना के बेड़े आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर युद्धपोत है। इसके लिए इन 26 विशेष राफेल-M जंगी जेट को लेकर डील पर मुहर लग सकती है।
ऐसे समय जबकि हिंद महासागर में चीन अपनी दादागिरी दिखाने लगा है। ऐसे में भारत चीन की अकड़ ढीली करने के लिए लगातार समंदर में खुद को ताकतवर बना रहा है। इसी बीच भारतीय नौसेना के बेड़े में 26 राफेल-M शामिल हो सकते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 14 जुलाई तक अपनी दो दिन की फ्रांस यात्रा पर होंगे। इस दौरान आईएनएस विक्रांत के लिए फ्रांस से 26 राफेल (समुद्री फाइटर जेट) विमानों का सौदा हो सकता है, जिस पर पीएम मोदी के दौरे में हस्ताक्षर हो सकते हैं।
13 जुलाई को होगी रक्षा मंत्रालय की बैठक
बताया जा रहा है कि इस अरबों के सौदे पर अंतिम मुहर पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लग सकती है। यह बैठक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 13 जुलाई को होगी। इस बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।
सबमरीन को लेकर भी हो सकती है डील
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान 26 राफेल विमानों के साथ ही तीन सबमरीन को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के तहत निर्माण को लेकर भी बातचीत हो सकती है। हालांकि इसे लेकर सरकार की ओर से अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
चीन की अकड़ होगी ढीली, समंदर में और बढ़ेगी भारत कीताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 से 14 जुलाई को फ्रांस की यात्रा के दौरान होने वाले रक्षा सौदों को लेकर दोनों ही देशों की तरफ से फिलहाल चुप्पी साधी गई है। हालांकि ये माना जा रहा है कि भारत और फ्रांस रक्षा सौदों के लिए एक रोडमैप तैयार कर सकते हैं। भारत की कोशिश रहेगी कि वो फ्रांस की कंपनियों की मदद से भारत में ही इंजन और बाकी चीजों का निर्माण करे। इसमें खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए कई तरह के नए टेक्नोलॉजी वाले हथियार खरीदे जा सकते हैं।
क्यों खास होंगे राफेल ‘एम’ विमान?
चीन हिंद महासागर में जिस तरह से अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। श्रीलंका के हंबनटोटा और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर जिस तरह अपनी मौजूदगी जताता है। ऐसे में चीन की अकड़ ढीली करने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने बेड़े में लगातार नए जंगी जहाजों, सबमरीन का इजाफा किया है। समुद्री निगरानी और लड़ाई के लिए फ्रांस के राफेल ‘एम’ लड़ाकू विमान आईएनएस विक्रांत में लगेंगे तो चीन और पाकिस्तान की धड़कने बढ़ना स्वाभाविक है।
साभार : इंडिया टीवी
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