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मंदिर गिराने के विवाद में एसओ को किया गया निलंबित

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बस्ती. जिले के पुरानी बस्ती के पांडेय बाजार स्थित रामजानकी मंदिर ढहाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दोनों पक्ष जमीन अपनी बताकर एक-दूसरे पर कब्जे का आरोप लगा रहे हैं, जबकि विश्व हिन्दू परिषद धरना देकर विरोध जता रहा है। इस बीच शनिवार को आईजी और एसपी ने मौका मुआयना किया। शाम को एसपी ने एसओ पुरानी बस्ती योगेश सिंह को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया है। मंदिर का पुनर्निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। पुरानी बस्ती क्षेत्र के पांडेय बाजार बांसी रोड पर स्थित श्रीरामजानकी मंदिर तोड़े जाने के बाद से ही प्रकरण सुर्खियों में बना हुआ है।

इस मामले में पुरानी बस्ती निवासी पद्मावती देवी का दावा है कि मंदिर उनका है। आरोप लगाया कि भू माफिया ने जमीन पर कब्जा करने की नीयत से मंदिर को ढहा दिया। पुलिस ने पहले कार्रवाई नहीं की, बाद में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं मुकदमे में आरोपी मयंक गाडिया ने मंदिर की जमीन को अपनी बताते हुए बैनामे के कागज दिए हैं। कहा है कि उसने वर्ष 1980 में ही बैनामा कराया था। तभी से उनका कब्जा है। आरोप लगाया कि कुछ भू-माफिया इस पर कब्जा करना चाहते हैं। इसका वाद भी न्यायालय में चल रहा है और न्यायालय ने प्रतिवादियों को कोई भी काम करने से मना कर दिया है। मयंक ने आरोप लगाया है कि कोर्ट के निर्णय के बाद ये लोग धार्मिक भावनाओं को भड़काकर गुमराह कर रहे हैं।

वहीं विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष गोपेश पाल ने बताया कि मनबढ़ों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। मंदिर ढहाकर जन भावनाएं भड़काने का प्रयास किया गया है। दोषियों पर कार्रवाई की जाए। शनिवार को आईजी आरके भारद्वाज और एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने मौका मुआयना किया और धरनारत विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं से वार्ता की। एसपी ने सीओ सिटी की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने के आरोप में एसओ योगेश सिंह को निलंबित कर दिया है। उनके स्थान पर एसओ लालगंज महेश सिंह को जिम्मा सौंपा गया है।

न तोड़ने की अनुमति ली न निर्माण की : एसडीएम

एसडीएम सदर विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि विवादित मामले पर प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती जा रही है। न तो तोड़ने और न ही निर्माण की अनुमति ली गई है। यह दो पक्षों के बीच का मामला है। मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। न्यायालय के आदेश का पालन होगा।

यह है मामला

पुलिस न मौके पर पहुंची न उच्चाधिकारियों को आख्या दी

मंदिर ढहाने के प्रकरण में पुरानी बस्ती पुलिस की लापरवाही पाई गई है। इसी आधार पर एसओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र स्थित पांडे बाजार में मारवाड़ी मंदिर के सामने एक पुराना राम जानकी मंदिर था। कुछ लोगों ने मिलकर इस राम जानकी मंदिर को पांच दिन पहले जेसीबी लगाकर तोड़ दिया। मंदिर में रखी मूर्तियों को पास के दूसरे मंदिर में पहुंचा दिया। इन लोगों का उस मंदिर के पीछे एक बड़ा प्लॉट है, जिसे प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है। परंतु उस प्लाट का रास्ता नहीं था, जो मंदिर को तोड़ने के बाद बन गया। जेसीबी लगाकर मंदिर तोड़ते समय किसी आमजन ने विरोध नहीं किया। मंदिर के एक सरवराकार ने विरोध किया तो उसे मौके पर मौजूद लोगों ने खदेड़ दिया। पुलिस ने भी रोकने का कोई प्रयास नहीं किया।

मामला दो दिन बाद तूल पकड़ा। प्रशासन के हस्तक्षेप पर पुरानी बस्ती पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मंदिर तोड़ने और जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज किया। एक दिन बाद विश्व हिंदू परिषद व अन्य संगठनों ने मौके पर धरना देना शुरू किया। पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को मंदिर के जमीन संबंधी कागजात के साथ शिकायती पत्र भेजकर जांच करवाने की मांग की। उसके बाद प्रशासन हरकत में आया। इसी दौरान शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। मौके पर एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। सीओ ने प्रारंभिक जांच की। उसमें पाया गया कि थाना प्रभारी पुरानी बस्ती मौके पर नहीं आए और इसकी उच्चाधिकारियों को समुचित आख्या नहीं दी। इसके चलते उन्हें निलंबित किया गया है।

साभार : हिंदुस्तान

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