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जेपी नड्डा ने पुस्तक ‘डेमोक्रेसी इन कोमा – साइलेंस्ड वॉइसेस ऑफ वीमेन विक्टिम्स इन बंगाल’ का किया विमोचन

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नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में भारत प्रकाशन द्वारा पब्लिश पुस्तक ‘डेमोक्रेसी इन कोमा – साइलेंस्ड वॉइसेस ऑफ वीमेन विक्टिम्स इन बंगाल’ का विमोचन किया और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ हो रहे अनाचार और अत्याचार पर विस्तार से चर्चा करते हुए तृणमूल कांग्रेस की सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने पुस्तक की लेखिकाओं सोनाली चितलकर, विजिता एस. अग्रवाल, श्रुति मिश्रा और मोनिका अग्रवाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार में महिलाओं की वर्तमान भयावह स्थिति को पूरे देश के सामने रखने का महती कार्य किया है। इस कार्यक्रम में एनएचआरसी के पूर्व चेयरमैन एवं जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व जज एम. एम. कुमार, पश्चिम बंगाल के भाजपा सह-प्रभारी एवं भाजपा की आईटी विभाग के अध्यक्ष अमित मालवीय, ऑर्गनाइजर वीकली के संपादक प्रफुल्ल केतकर और भारत प्रकाशन दिल्ली लिमिटेड के एमडी भारत भूषण अरोड़ा भी उपस्थित थे।

नड्डा ने कहा कि महिलाओं के सम्मान को लेकर डेमोक्रेसी इन कोमा – साइलेंस्ड वॉइसेस ऑफ वीमेन विक्टिम्स इन बंगाल’ पुस्तक लिखी गई है। इसे पढ़ कर मैं काफी विचलित हुआ। हमारी धरती लोकतंत्र की जननी कही जाती है। देश में कहा जाता था कि भारत जो कल सोचता है, वह बंगाल आज सोचता है। सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कई रूप में बंगाल देश में अग्रणी रहा है। साहित्य और अध्यात्मिक क्षेत्र में बंगाल की विभूतियों ने देश को दिशा दिखाई है। देश को कई सामजिक और राजनीतिक सुधारक पश्चिम बंगाल की भूमि से मिले हैं। लेकिन, आज परिस्थितियां बदल गई हैं। पश्चिम बंगाल में आज टीएमसी के शासन में जो कुछ भी हो रहा है, उसे देख कर बहुत ही दुःख होता है। डेमोक्रेसी इन कोमा – साइलेंस्ड वॉइसेस ऑफ वीमेन विक्टिम्स इन बंगाल’ पुस्तक के लेखकों ने गहराई में जाते हुए पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति पर बहुत ही सटीक ब्यौरा दिया है। इसमें कोई कहानी नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल में घट रही सच्ची घटनाओं का संकलन है जिससे पश्चिम बंगाल की आज की वास्तविक परिस्थितियों का पता चलता है। यह बहुत ही दुःखद है। हमें इसके पीछे के कारणों को समझना होगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि टीएमसी के शासन में पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार हो रहा है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार की कार्यशैली विपक्ष को चुप कराने की है। विपक्ष की आवाज को पश्चिम बंगाल में दबाया जा रहा है। सरकार की सभी रह की गतिविधियों एवं योजनाओं से विपक्ष को दूर रखा जाता है और विपक्ष का मुहं बंद कराया जाता है। ‘भोबिष्योतेर भूत’ (A Ghost of Future) – यह ममता दीदी की कार्यशैली का उदाहरण है कि इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई। पार्क स्ट्रीट रेप केस को लेकर तीन कन्या फिल्म की स्क्रीनिंग पर भी बैन लगा दिया गया। बंगाल में कार्टूनिस्ट को जेल में डाल दिया जाता है। हाल ही में पश्चिम बंगाल में अकारण ‘द केरल स्टोरी’ को बैन कर दिया गया। ‘द केरल स्टोरी’ पनप रही आतंकी साजिश का पर्दाफ़ाश करती है। इसकी कहानी में आतंकी संगठन आईएसआईएस भी जुड़ा है। इसकी सच्चाई यह है कि यह किसी धर्म या एक राज्य से जुड़ा मसला नहीं है बल्कि यह देश से जुड़ा मसला है और देखा जाय तो कई मायनों में तो यह वैश्विक समस्या बन चुकी है। आईएसआईएस में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, फ़्रांस, यूरोप और अमेरिका से युवा शामिल हुए। यह आतंकवाद की वैश्विक समस्या है। इस समस्या पर जब ‘द केरल स्टोरी’ बनी तो उसे भारत में जिसे लोकतंत्र की जननी कहा जाता है, वहां पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में इसे बैन कर दिया जाता है। ये बताता है कि पश्चिम बंगाल में क्या स्थिति है। मैं यहां यह भी कहना चाहता हूँ कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मसले पर गंभीरता दिखाई थी। केरल हाईकोर्ट के  जज ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया था लेकिन ममता दीदी ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म पर बैन लगाती है।

नड्डा ने कहा कि 6 दिसंबर 1950 को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संसद में लोकतंत्र, उसकी मूल भावना और उसकी कार्यशैली के बारे में कहा था कि मैं कम्युनिस्ट विचारधारा का विरोधी नहीं हूँ। भारतीय जनता जो लागू करना चाहेगी, उसे लागू करेगी। उन्होंने कहा था कि मैं अमेरिका और इंग्लैंड की विचारधारा की भी सिफारिश नहीं कर रहा हूँ जो दूसरे को मिटाने और कमीशन पर आधारित हो बल्कि भारत मौलिक विचारधारा के आधार पर खड़ा हो। भारत उस विचारधारा पर खड़ा है। हम धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं। संविधान एक अच्छी भावनाओं के साथ लोकतंकत्र के सिद्धांत पर आधारित हो। लोकतंत्र के लिए संविधान निर्माताओं की सोच बहुत ही स्पष्ट थी। हमारे देश का लोकतंत्र एक ठोस आधार पर खड़ा है जिसकी नजर में सब बराबर हैं। भारत की सोच में और भारत के संविधान में किसी एकलवाद या तानाशाही की कोई जगह नहीं है। भारतीय समाज ने तानाशाही समाज को रिजेक्ट कर दिया है। लोकतंत्र की एक अच्छी भावना और संविधान के आधार पर देश का निर्माण हुआ लेकिन जो घटनाएं पश्चिम बंगाल में घट रही हैं, वह अपने-आप में बहुत चिंता जनक है। यह अति गंभीर मसला है। इस समाज में जनता के बीच उठाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंसा की बात करें तो मैं इसका भुक्तभोगी हूँ। जब मैं पश्चिम बंगाल में पार्टी का चुनाव प्रचार करने के लिए डायमंड हार्बर गया था, तब पहले दिन ही मुझ पर हमला किया गया था। मैं आपको बताना चाहूंगा कि कैसे कोल्ड ब्लडेड हमला किया जाता है। मेरे वाहन के राईट हैंड साइड में बसें लगा दी गए ताकि कोई वाहन ओवरटेक नहीं करे। मेरे वाहन के सामने एक बस लगा दी जाती है, फिर उसका रफ्तार धीमी कर दी जाती है। उसके पीछे मेरी गाड़ी। उसके पीछे मेरी सिक्योरिटी की गाड़ी। बस वाला उसे आगे निकलने देता है और फिर अपना बस लगा देता है। परिणामस्वरूप, अब मेरी सिक्योरिटी की गाड़ी अब मेरे पीछे नहीं आ सकती है। क्लोज रेंज से मेरे उपर अटैक किया जाता है। यदि मेरी गाड़ी बुलेट प्रूफ नहीं होती तो वे दोबारा अटैक करते। मेरी गाड़ी छोड़कर सभी गाड़ियां तोड़ी जाती हैं उसमें बैठे लोग घायल हो जाते हैं। मैं तो इसका भुक्तभोगी हूँ। उस दिन मैंने ममता दीदी से यही तो पूछा था कि यदि आप या आपके पूज्य भतीजे मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं तो पश्चिम बंगाल की आम जनता के साथ क्या करते होंगे?

जेपी नड्डा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही भाजपा के कार्यालय में आग लगा दी जाती है क्योंकि इनको यह पसंद नहीं आया कि कोई पार्टी इतनी तीव्र गति से 77 विधायक तक कैसे पहुंच गयी है? मैंने तत्काल  प्रधानमंत्री जी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की और कहा कि मैं पश्चिम बंगाल जाऊंगा।  प्रधानमंत्री जी ने भी कहा कि आपको जाना चाहिए। यहाँ मैं एक घटना का जिक्र अवश्य करना चाहूंगा। एक युवा थे अभिजीत सरकार। उनकी मृत्यु से आधे से एक घंटे पहले का के वीडियो है जिसमें वह रोते हुए कह रहा है कि आमी बाचवो ना, यानी बचेंगे नहीं। गुंडे उसे ख़त्म कर देंगे और थोड़ी ही देर बाद उसकी नृशंस हत्या कर दी जाती है। इस वीडियो को सबने देखा। मेरी स्थिति देखिए। मैं उसी मकान के नीचे वाले कमरे में उसकी मां को सांत्वना दे रहा हूं और उसकी मां बोल रही है कि उसका बच्चा भाग गया है, उसे ढूंढ़ कर लाओ, वह जहाँ भी है, उसे वहां से लेकर आओ। मैं उसे कैसे बताऊँ कि उसका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं है! आप सोचिये, वो शाम मैंने कैसे गुजारी होगी? मेरी स्थिति कैसी होगी? किस तरीके से वहां घटनाएं घटी होंगी? तिस पर आप बोलते हो कि वहां रूल ऑफ लॉ है?

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में गरीबों के घर तोड़े गए। फांसी लगाकर आत्महत्या के मामलों को ही देखिये कि कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं की फांसी लगा कर मरने की खबर की दर अचानक बढ़ जाती है। यह नया तरीका खोज लिया गया है पश्चिम बंगाल में हिंसा करने का, भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या करने का और फिर उसे आत्महत्या साबित कर केस को बंद कर दिया जाता है। नड्डा ने पश्चिम बंगाल को कलंकित करने वाले आंकड़ों को कार्यक्रम में रखते हुए कहा कि विधान सभा चुनाव के बाद मई 2021 में हिंसा की सैकड़ों वारदात हुई। लोगों के घर जलाये गए, दुकानें लूटी गई, लोगों को मारा-पीटा गया और महिलाओं के साथ अमानवीय दुर्व्यवहार किया गया। चुनाव बाद हिंसा में हत्या की लगभग 57 घटनाएं हुई। यौन हमले की 123 वारदात हुई। रेप और रेप की कोशिश की 11 घटनाएं प्रकाश में आई। सीबीआई ने 47 केस रजिस्टर्ड किया। सीबीआई ने 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। नेशनल कमीशन के सामने लगभग ढाई हजार पीड़ितों ने अपना बयान दर्ज कराया। पश्चिम बंगाल की ऐसी स्थिति बना कर रख दी है टीएमसी सरकार ने। इस हिंसा के बाद पीड़ितों के लिए 100 से अधिक कैंप लगाने पड़े। एक लाख से ज्यादा विस्थापितों को कैंप में रखा गया। कई लोग तो अभी भी अपने घर नहीं पहुँच पाए हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं इस पुस्तक की लेखिकाओं को इस बात की बधाई दूंगा कि उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य किया है। यह पुस्तक सभी लोगों को पढ़ना चाहिए। हम पश्चिम बनगाल में बदले की नहीं, बदलाव की बात करते हैं। वहां बदलाव लाने की जरूरत है और यह लोगों के सहयोग से ही संभव है। पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के बाद हाईकोर्ट के ऑर्डर पर एसआईटी बैठी। लगभग 7 हजार केस रजिस्टर्ड हुए। 550 केस को लेकर एसआईटी जांच शुऊ हुई। जो लोग पश्चिम बंगाल में माँ, माटी, मानुष की बात करते थे, वहां उनके शासन में न माँ बची, न माटी और न ही मानुष। नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध लगभग 74.8 प्रतिशत है। एसिड अटैक में पश्चिम बंगाल देश में सबसे ऊपर है। अति गंभीर अपराध में 18 से 30 वर्ष की महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में देश में सबसे आगे है। दहेज हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल देश में चौथे पायदान पर खड़ा है।

नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना में घपला। आयुष्मान भारत योजना अब तक ममता दीदी के हठ के कारण पश्चिम बंगाल में लागू ही नहीं हो पाई। आयुष्मान भारत योजना से पश्चिम बंगाल के लगभग 4.70 करोड़ लोग वंचित हैं। राज्य में पोषण का फंड डायवर्ट कर दिया जाता है। मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर घोटाला होता है। मनरेगा का यूटालाइजेशन सर्टिफिकेट भी केन्द्र सरकार को नहीं दिया जाता है। और इसके बाद ममता दीदी कहती हैं कि बंगाल के साथ अन्याय हो रहा है। ममता दीदी, आप पैसे का हिसाब भी न दो और क़ानून को भी न मानो, ये कैसे हो सकता है। केन्द्र सरकार से जो राशि मिल रही है, उसका पश्चिम बंगाल में मिसयूटिलाइजेशन हो रहा है। यहाँ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में भी गड़बड़ी हुई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैं एक ही बात कहूंगा कि सच में पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है। यह कहना सही है कि डेमोक्रेसी इज इन कोमा इन वेस्ट बंगाल। हमे लोगों को जागृत करना होगा और पश्चिम बंगाल के गौरव को पुनः स्थापित करना होगा। पश्चिम बंगाल के लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलना चाहिए। इस पुस्तक में मानवाधिकार आयोग को दिए गए आवेदनों की लिस्ट भी है जिसमें पूरी घटना का विवरण है। मैं लोगों से यह कहना चाहूंगा कि इस पुस्तक को तो पढ़ें ही लेकिन इस हिस्से को जरूर पढ़ें कि कैसे लोगों के साथ हिंसक घटनाएं घटी है। टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कैसा दुर्व्यवहार किया है। कैसे लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। कैसे लोग महीनों तक घर मे डर कर और दुबक कर रहे हैं। कैसे महिलाओं और बच्चियों के साथ बारबार दुराचार और अनाचार हुआ है। कैसे उन्हें धमकाया गया है कि पुलिस के पास जाओगे तो बचोगे नहीं। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सबको इस बारे में जानना चाहिए।

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