जम्मू. कश्मीर घाटी के सोपोर में वर्ष 2009 से सक्रिय लश्कर आतंकी जावेद अहमद मट्टू के भाई रईस अहमद मट्टू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि रईस अपने घर पर शान से तिरंगा लहराते नजर आ रहे हैं। सोमवार को बताया कि उन्होंने किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपने दिल से तिरंगा लहराया है। यह उनकी सोच है। वे युवाओं को यही पैगाम देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह हिंदुस्तानी थे, हिंदुस्तानी हैं और हमेशा हिंदुस्तानी रहेंगे।
रईस मट्टू ने कहा, ‘मैंने दिल से तिरंगा लहराया। किसी का कोई दबाव नहीं था। सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसके ये गुलिस्तां हमारा। पहली बार मैं 14 अगस्त को अपनी दुकान पर बैठा हूं। पहले दो-तीन दिन दुकान बंद रहती थी। पिछली राजनीतिक पार्टियां खेल खेल रही थीं। आज विकास हो रहा है। लोगों के साथ इंसाफ हो रहा है। सिर्फ उसे ही पकड़ा जाता है जो दोषी है। मेरा भाई 2009 में (आतंकवादी) बन गया, उसके बाद हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते… यदि वह जीवित हैं, तो मैं उनसे वापस आने का आग्रह करता हूं। पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता…हम हिंदुस्तानी हैं, हैं और रहेंगे।’
उधर, किश्तवाड़ में सक्रिय आतंकवादी मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी के परिवार ने अपने घर पर तिरंगा लहराया। इससे पहले रविवार को मुदस्सिर के परिवार ने भी तिरंगा अपने घर पर लहराया। मुदस्सिर 22 अप्रैल 2018 से हिजबुल आतंकी संगठन में एक्टिव है। वहीं, जहांगीर सरूरी की बात करें तो वह करीब तीन दशकों से आतंकी संगठन में सक्रिय है। उस पर पुलिस ने लाखों का इनाम भी रखा है। उसकी धर-पकड़ के लिए पुलिस और सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं। मुदस्सिर और सरूरी दोनों के साथ होने की आशंका है।
सरूरी के परिवार ने यह तिरंगा लहराते हुए अपने सरूरी से अपील की है कि वह मुख्यधारा में वापस आ जाए और आतंक का रास्ता छोड़ दे। सरूरी के बेटे आदिल ने कहा कि वह अपने पिता को बहुत याद करता है और ये अपील करता है कि वो घर लौट आए। आदिल ने बताया कि वह अभी बारहवीं कक्षा में पढ़ता है। आगे चल कर वह डॉक्टर बनना चाहता है। सरूरी के परिवार ने सभी प्रदेशवासियों का स्वतंत्रता दिवस की बधाई भी दी है।
साभार : अमर उजाला
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