मुंबई. नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने चादर चढ़ाने की कोशिश की। इसका वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, त्र्यंबकेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसे में सिर्फ हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है। भगवान शिव पर हरी चादर चढ़ाने की इस कोशिश से हिंदू काफी नाराज हैं। इस पर बहस भी गरम हो गई है। दलील यह दी जा रही है कि जब हिंदू दरगाहों में जाकर चादर चढ़ा सकते हैं तो मुस्लिम मंदिरों में क्यों नहीं जा सकते हैं। इस पर ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की प्रतिक्रिया भी आई है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हरी चादर चढ़ाने की कोशिश पर एक पक्ष कई तरह की दलीलें देने में लगा है। उसका कहना है जब अजमेर शरीफ, ताजमहल और दूसरी दरगाहों में हिंदुओं के जाने पर मनाही नहीं है तो मुस्लिमों के त्र्यंबकेश्वर मंदिर जाने में क्यों ऐतराज जताया जा रहा है। इसका जवाब ज्ञापवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दिया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर में हर कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। आज अगर कोई मंदिर में जाना चाहता है तो उसे सनातन में विश्वास करना पड़ेगा। उसे भगवान शिव में आस्था पैदा करनी होगी। इसके लिए मंदिर के मुख्य देवता के पूजा-अर्चना के नियमों का पालन करना होगा। यूं ही कोई भी मंदिर नहीं जा सकता है।
विष्णु शंकर जैन बोले, अगर कोई मंदिर आना चाहता है तो उसका स्वागत है। लेकिन, मंदिर में वहां विराजमान देवता का नियम चलेगा। कोई बाहरी इसके लिए नियम नहीं बना सकता है। कोई भी भगवान शिव का आदर कर सकता है। लेकिन, वहां आदर के नाम पर हरी चादर नहीं चढ़ा सकता है। कई मंदिरों में पहले से ही गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर मनाही है। भगवान शिव का त्र्यंबकेश्वर मंदिर भी उनमें शामिल है।
मंदिर से जुड़ा एक वीडियो वायरल है। इसमें कुछ लोग सिर पर चादर रखकर मंदिर के गेट में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। यह और बात है कि गार्ड उन्हें रोक देते हैं। इसी दौरान बहस होने लगती है। इसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ता है। मंदिर ट्रस्ट ने पुलिस में इसकी शिकायत की है। इसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, सिर्फ हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। एक साल में यह त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे समुदाय के लोगों के घुसने की दूसरी घटना है। पिछले साल कुछ लोग मुख्य प्रवेश द्वार से त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश कर गए थे।
साभार : नवभारत टाइम्स
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