नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) दिल्ली दक्षिण आयुक्त कार्यालय ने धोखाधड़ी से 17 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने वाली कंपनियों के एक रैकेट का खुलासा किया है। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) दिल्ली दक्षिण आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों को कुछ फर्जी कंपनियों से जुड़ी गोपनीय सूचना मिली। ये कंपनियां मुख्य रूप से माल रहित इनवॉयस जारी करने और अनुचित इनपुट टैक्स क्रेडिट पास करने के लिए तैयार की गई थीं।
इस क्रम में 3 फर्जी कंपनियों मेसर्स नेक्सजन बिज़ीकोर्प, मेसर्स एक्स इएल इन्फॉर्मेटिक्स और जीडब्ल्यू इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के पंजीकृत परिसरों की जांच की गई। ये कंपनियां सीजीएसटी दिल्ली दक्षिण आयुक्त कार्यालय के तहत पंजीकृत थीं। ये कंपनियां फर्जी इनवॉयस जारी करने और सर्कुलर ट्रेडिंग के काम में लिप्त थीं। करदाताओं के परिसरों से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इन कंपनियों से जुड़े लेनदेन की अभी तक हुई जांच में लगभग 17 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा हुआ है। स्वामी/निदेशक ने अपने इकबालिया बयानों में किसी माल की आपूर्ति किए बिना धोखाधड़ी से आईटीसी पास करने और लाभ लेने में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है।
इन फर्जी कंपनियों के पीछे मौजूद लोगों ने सरकारी खजाने के साथ धोखाधड़ी की और सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1)(बी) और 132 (1)(सी) के तहत अपराध किया है, जो संज्ञेय और गैर जमानती है। दो लोग संजय कुमार श्रीवास्तव और सुनील गुलाटी को 17.03.3023 को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
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