लखनऊ. टाटा समूह की कंपनी टाटा स्टील चालू वित्त वर्ष (2023-24) में अपने घरेलू और वैश्विक परिचालन पर 16,000 करोड़ रुपये का एकीकृत पूंजी निवेश करने की योजना बना रही है. कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने यह जानकारी दी. कंपनी के चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिस (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) टी वी नरेंद्रन और एक्सक्यूटिव डायरेक्टर और सीएफओ कौशिक चटर्जी ने कहा कि इस राशि में से 10,000 करोड़ रुपये एकल परिचालन पर और 2,000 करोड़ रुपये में भारत में टाटा स्टील की सब्सिडिरीज पर खर्च किए जाएंगे.
इन अधिकारियों ने 2022-23 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लक्षित कैपेक्स एकीकृत आधार पर 16,000 करोड़ रुपये तय किया गया. कंपनी इस निवेश का फंडिंग आंतरिक संसाधनों से करेगी. उन्होंने कहा कि इसमें से 10,000 करोड़ रुपये एकल आधार पर टाटा स्टील (Tata Steel) के परिचालन के लिए तय किए गए है. इसका 70% कलिंगनगर परियोजना पर खर्च किया जाएगा.
कंपनी ओडिशा स्थित कलिंगनगर स्थित अपने संयंत्र की क्षमता 30 लाख टन (MT) से बढ़ाकर 80 लाख टन करने की प्रक्रिया में है. कंपनी के अधिकारियों ने कहा, हमारी अन्य भारतीय सहायक कंपनियां, वर्तमान में वैल्यू अर्सेटिव प्रोजेक्ट्स के साथ विस्तार के चरण में हैं, विशेष रूप से डाउनस्ट्रीम परिचालन में, जो ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने और हमारे वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट मिक्स को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
यूरोप में, टाटा स्टील नीदरलैंड अपनी ब्लास्ट फर्नेस की रिलाइनिंग पर 1,100 करोड़ रुपये का कैपेक्स खर्च करेगी, जो चल रहा है. कैपेक्स का बाकी हिस्सा बड़े पैमाने पर आवंटित किया गया है और इसे एनवायरनमेंट इनिशिएटिव्स और सुधार परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा. जुलाई 2022 को नरेंद्रन ने कहा था कि टाटा स्टील ने 2022-23 वित्त वर्ष के दौरान अपने भारत और यूरोप परिचालन पर 12,000 करोड़ रुपये के कैपेक्स की योजना बनाई है. यूके में, टाटा स्टील ने वहां अपने व्यवसाय के भविष्य के संबंध में यूके सरकार के साथ सक्रिय और विस्तृत विचार-विमर्श किया है.
साभार : जी बिज़नेस
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