रविवार , अप्रेल 28 2024 | 10:46:29 AM
Breaking News
Home / राज्य / पश्चिम बंगाल / लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए : हाईकोर्ट

लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए : हाईकोर्ट

Follow us on:

कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़कियों को सेक्स की चाहत पर कंट्रोल करने की नसीहत दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने लड़कों को महिलाओं का सम्मान करने की सीख भी दी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई के दौरान की। कोर्ट की यह टिप्पणी उस समय आई , जब कथित तौर पर उत्पीड़न की शिकार लड़की ने बताया कि उसने आरोपी के साथ मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए थे। कोर्ट ने नाबालिग के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के आरोपी को भी बरी कर दिया।

18 से कम उम्र में सेक्स रेप का केस बनता है
मामला प्यार से जुड़ा था। साउथ 24 परगना जिले में एक लड़के ने नाबालिग लड़की से शारीरिक संबंध बनाए थे। जब यह संबंध बने थे, तब लड़की की उम्र 18 साल से कम थी। बाद में दोनों ने लव मैरिज कर ली। भारत में सेक्स के लिए सहमति की उम्र 18 वर्ष है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की सेक्स के लिए दी गई सहमति वैध नहीं मानी जाती है। उनके साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार की कैटिगरी में आता है। फिर मामला पुलिस और अदालत तक पहुंच गया। सितंबर 2022 में साउथ 24 परगना जिले की एक सत्र अदालत ने नाबालिग लड़की से शारीरिक संबंध बनाने बनाने वाले लड़के को दोषी पाया और सजा सुना दी। इसके बाद केस कलकत्ता हाईकोर्ट के पास पहुंचा।

पहले शारीरिक संबंध बनाए थे, फिर की थी शादी
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोपी को बरी कर दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि किशोर लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और किशोर लड़कों को भी महिलाओं का सम्मान करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। जस्टिस चित्तरंजन दास और पार्थसारथी सेन की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दो नाबालिगों ने सहमति से यौन संबंध बनाए थे। यह मामला शोषण का नहीं था। अदालत ने कहा कि किशोरों को कामुकता से संबंधित मामलों के बारे में मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए। मां-पिता उनके पहले शिक्षक हो सकते हैं। अदालत में लड़की ने बताया कि उसने अपनी मर्जी से उस आदमी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे और बाद में उसने उससे शादी कर ली। लड़की ने कहा कि वह और वह आदमी ग्रामीण इलाके से हैं और उन्हें नहीं पता था कि उनका रिश्ता और शादी अपराध है।

कोर्ट ने कहा कि किशोरों में सेक्स की इच्छा नैचुरल है। यह लिखने, कामुक सामग्री पढ़ने या सुनने से भी हो सकती है। यौन इच्छा अपने क्रियाओं पर निर्भर है। अगर हम अपनी ऐसे काम पर रोक लगाएं तो यौन संबंध की उत्तेजना पर काबू पाया जा सकता है। युवा लड़कियों को अपने शरीर की अखंडता के अधिकार के साथ-साथ अपनी गरिमा और आत्म-सम्मान की भी रक्षा करनी चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि प्रत्येक किशोर लड़की को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। एक किशोर लड़के को भी महिला की गरिमा, गोपनीयता और उसके शरीर के स्वायतता का सम्मान करना चाहिए।

साभार : नवभारत टाइम्स

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

जहाँ रामनवमी पर हिंसा भड़की, वहाँ लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं होनी चाहिए : कलकत्ता हाईकोर्ट

कोलकाता. रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने …