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हाईकोर्ट में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा केस की सुनवाई 31 अक्टूबर तक टली

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कोलकाता. दिल्ली हाईकोर्ट में सांसद महुआ मोइत्रा मामले की सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी. बता दें कि हाईकोर्ट को मानहानी मामले में सुनवाई करनी थी. इन सब के बीच महुआ के वकील न अपना नाम वापस ले लिया है. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर मानहानि याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान फिलहाल इस मामले की सुनवाई को टाल दिया गया है. इस मामले की सुनवाई के स्थगित होने का मतलब ये हुआ कि यथास्थिति बनी रहेगी, यानी कि मीडिया और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी खबर चलाने पर रोक नहीं है.

महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि एक बिजनेसमैन ने हलफनामा दायर किया है और इसे कल सभी मीडिया संस्थानों में प्रसारित किया गया. उस पर तुरंत रोक यानी निषेधाज्ञा की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि संसद में मुखरता से अपनी आवाज उठाती रही हैं.  उन्होंने इस केस से जुड़े 61 सवाल उठाए हैं. हालांकि सुनवाई के दौरान जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि मुझे कल गोपाल शंकर नारायण ने फोन किया और मुझ पर दबाव बनाया. मेरे पास आधे घंटे की रिकॉर्डिंग है. गोपाल शंकर ने फोन पर मुझसे कहा कि अगर वो डॉग थेफ्ट में सीबीआई केस वापस ले लें तो कुत्ते को वापस दिला देंगे.

गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे, वकील जय अनंत देहाद्राई और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ दिल्ली HC  में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई की चिट्ठी के आधार पर गंभीर आरोप लगाए, जिसे मीडिया हाउसों ने खबर के तौर पर छापा. महुआ मोइत्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली थी और अपने कामों से हीरानंदानी ग्रुप को फायदा पहुंचाया है.

बता दें कि कुछ दिन पहले TMC  सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दो पेज का बयान जारी कर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) का शपथपत्र का खंडन किया था. महुआ मोइत्रा ने टि्वटर पर बयान जारी कर कहा था कि कारोबारी हीरानंदानी की “कनपटी पर बंदूक” रखकर एक सफेद कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए हैं. महुआ मोइत्रा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए बयान में कहा, “दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उन्होंने यह हलफनामा किसे दिया है.”

यह सवाल करते हुए कि क्या यह वास्तव में दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा है, मोइत्रा ने कहा कि यह एफिडेविट ना तो ऑफिशियल लेटरहेड पर है और ना ही नोटरी की मुहर है. साथ ही उन्होंने कहा कि ना ही ये सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया, बल्कि इसे “चुनिंदा मीडिया हाउस को लीक किया गया.” कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को खुद एक शपथपत्र में कबूल किया कि महुआ मोइत्रा पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप बिल्कुल सही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा ने ही अपने संसद अकाउंट के लॉगिन-पासवर्ड शेयर किए थे. शपथपत्र के मुताबिक, “मैंने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के लिए सवाल भेजे थे. और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर मैं महुआ के संसद अकाउंट पर सवाल पोस्ट करता रहा.”

साभार : एनडीटीवी

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