बाकू. अजरबैजान ने एक बार फिर पाकिस्तान के लिए अपनी हमदर्दी का इजहार किया है। भारत में अजरबैजान के निवर्तमान राजदूत अशरफ शिकालियेव ने एक इंटरव्यू में कहा है कि कश्मीर को लेकर हमारा रुख साफ है, हम इसमें पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर को लेकर हमारा स्टैंड 30 साल से एक जैसा है। हम कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन के प्रस्तावों के तहत हल चाहते हैं। ये पूरे साउथ एशिया में शांति के लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ-साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को समर्थन करने की भी बात कही है। जिस तरह से अजरबैजान ने पाकिस्तान को समर्थन का ऐलान किया है, वो भारत के लिए भी चिंता का सबब हो सकता है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने इससे पहले 2020 में खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। अलीयेव ने उस समय के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बैठक में कश्मीर मुद्दे पर उनको समर्थन जताया था। अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने तब कहा था कि दावोस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने उनको भरोसा दिलाया है कि कश्मीर मुद्दे पर उनका देश हमेशा ही पाकिस्तान के साथ है।
भारत-आर्मीनिया के रिश्तों से भी नाखुश है अजरबैजान
इसी साल अक्टूबर में पाकिस्तान में अजरबैजान के राजदूत खजर फरहादोव ने भी इसी तरह का बयान देते हुए कहा था कि अजरबैजान कश्मीर मुद्दे पर खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने अजरबैजान की अखंडता से जुड़े सभी मामलों का खुलकर समर्थन किया है और वह भी पाक को समर्थन देते हैं। अजरबैजान की पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की से भी नजदीकी लगातार बढ़ रही है।
अजरबैजान की आर्मीनिया के साथ दुश्मनी जगजाहिर है। भारत के रिश्ते हाल के सालों में आर्मीनिया से लगातार मजबूत हो रहे हैं। भारत की ओर से आर्मीनिया को हथियारों की सप्लाई भी की जा रही है। आर्मीनिया को भारत की हथियार सप्लाई पर भी अजरबैजान के राजदूत अशरफ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत सरकार को आर्मीनिया को हथियार बेचने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। ये हथियार आर्मीनिया में विद्रोही ताकतों तक पहुंच रहे हैं जो क्षेत्र की शांति के लिए ठीक नहीं है। इससे पहले अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव भी आर्मीनिया को हथियार देने पर भारत पर गुस्सा निकाल चुके हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स
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