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उत्तर प्रदेश बोर्ड में शामिल की गई सावरकर सहित 50 महापुरुषों की जीवन गाथा

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लखनऊ. एनसीईआरटी (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है। यूपी बोर्ड ने कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए 50 महापुरुषों की जीवन गाथा शामिल की है। ये बदलाव नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम में किया गया है। इतना ही नहीं इसमें छात्रों के लिए सिर्फ पढ़ना ही नहीं बल्कि पास होना भी अनिवार्य किया गया है।

यूपी बोर्ड की ओर से नैतिक शिक्षा विषय में शामिल महापुरुषों में महात्मा गांधी, गोखले, आजाद, सावरकर, आंबेडकर और कलाम, बेगम हजरत महल, महर्षि पतंजलि, शल्य चिकित्सक सुश्रुत, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, बुद्ध, शिवाजी, रामानुजन, जेसी बोस आदि प्रमुख नाम हैं। सूची में भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव से लेकर टैगोर, शास्त्री, पटेल, पंडित उपाध्याय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, महामना और घोष भी शामिल हैं। यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के विद्यार्थी इन महापुरुषों की जीवन गाथा इसी सत्र यानी जुलाई में स्कूल खुलने के बाद पढ़ सकेंगे।

9वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल महापुरुष 

भगवान बिरसा मुंडा, गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शिवाजी, बेगम हजरत महल, विनायक दामोदर सावरकर, विनोबा भावे, चंद्रशेखर आजाद, वीर कुंवर सिंह, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, श्रीनिवास रामानुजन और जगदीश चंद्र बोस।

10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल महापुरुष

स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, गोपाल कृष्ण गोखले, मंगल पांडेय, लोकमान्य तिलक, ठाकुर रोशन सिंह, सुखदेव, खुदी राम बोस।

11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल महापुरुष 

डॉ भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, महावीर जैन, महामना मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू, नाना साहब देशमुख, शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मल, महर्षि पतंजलि, शल्य चिकित्सक सुश्रुत और डॉ होमी जहांगीर भाभा।

12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल महापुरुष

आदि शंकराचार्य, गुरु नानक देव, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजगुरु, रवींद्रनाथ टैगोर, लाल बहादुर शास्त्री, महारानी लक्ष्मी बाई, महाराणा प्रताप, बंकिम चंद्र चटर्जी, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, रामानुजाचार्य, पाणिनी, आर्यभट्ट और डॉ सीवी रमन।

 

साभार : अमर उजाला

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