टोरंटो. कॉलेज के जाली दस्तावेजों पर स्टडी वीजा लगवाकर 700 विद्यार्थियों को कनाडा भेजने वाले धोखेबाज ट्रैवल एजेंट बृजेश मिश्रा की कनाडा के बीसी में गिरफ्तारी हो गई है। कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि बृजेश मिश्रा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कनाडा में घुसने की कोशिश कर रहा था जिसे कनाडा की इमिग्रेशन कंपनी ने पकड़ लिया। इसके बाद धोखेबाज एजेंट को बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी के हवाले कर दिया गया।
बिहार के दरभंगा के थलवाड़ा का रहने वाले बृजेश मिश्रा स्टडी वीजा का काम करता था। मिश्रा के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुख्य रूप से जालंधर, फरीदकोट और मलेरकोटला में 10 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं। मिश्रा ने 2013 में ईजी-वे इमिग्रेशन कंसल्टेंसी नाम से अपनी फर्म बनाई थी। जालंधर में उसका केंद्रीय कार्यालय था, जहां से उसने कनाडा के एक कॉलेज की फर्जी ऑफर लैटर तैयार कर 700 विद्यार्थियों को कनाडा भेज दिया।
700 विद्यार्थियों पर लटकी निर्वासन की तलवार
कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी ने पाया कि लगभग 700 छात्र जो 2016 और 2020 के बीच बृजेश मिश्रा की फर्म के माध्यम से आए थे, उन्होंने फर्जी ऑफर लेटर के आधार पर अपना वीजा हासिल किया था। इन सभी को तब डिपोर्ट करने का नोटिस दिया गया था। हालांकि अब कनाडा सरकार ने सारे मामले की जांच के आदेश देकर छात्र-छात्राओं को राहत दी है लेकिन डिपोर्ट किए जाने की तलवार अब भी लटकी हुई है। इमिग्रेशन मंत्री सीन फ्रेजर ने बृजेश मिश्रा पर बिना लाइसेंस के इमिग्रेशन सलाह देने और दूसरों को गलत बयानी करने, अधिकारियों से जानकारी छिपाने की सलाह देने का आरोप लगाया गया है। कनाडा सीमा सेवा एजेंसी ने शुक्रवार को मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की है। मंत्री का कहना है कि हमारा मकसद पीड़ित छात्रों को परेशान करना नहीं है बल्कि हम इस मामले की एक बेहतर जांच करना चाहते हैं।
कनाडा के लिए बृजेश मिश्रा की अयोग्यता का पता तब चला जब उसने कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई है। उसपर आरोप भी तय कर दिए गए हैं।बृजेश मिश्रा फिलहाल ब्रिटिश कोलंबिया में प्री-ट्रायल हिरासत में हैं। चूंकि उसपर आपराधिक आरोप लगाया गया है, इसलिए उसकी हिरासत को कनाडा सीमा सेवा एजेंसी से ब्रिटिश कोलंबिया में कानून प्रवर्तन में ट्रांसफर कर दिया गया है। मिश्रा की जमानत पर सुनवाई भारतीय समय के मुताबिक शनिवार आधी रात को होनी है।
700 भारतीय छात्रों पर लटकी थी निर्वासन की तलवार
ये मामला उस समय सामने आया जब कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किया था, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, क्योंकि कनाडा के विश्वविद्यालयों में उनके प्रवेश पत्र फर्जी पाए गए थे। सभी भारतीय छात्र 3 वर्ष पूर्व छात्र वीजा पर कनाडा गए थे। उन्हें धोखाधड़ी का पता तब चला, जब उन्होंने परमानेंट रेजिडेंस के लिए अर्जी दी। जांच में खुलासा हुआ कि संस्थानों के दिए गए शुरुआती ऑफर लेटर फर्जी थे। इसके बाद जालंधर के ट्रैवल एजेंट बृजेश मिश्रा का नाम सामने आया था।
साभार : अमर उजाला
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