नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में आगामी 8 से 10 सितंबर को G-20 की मेजबानी के लिए तैयारियां जोरो पर हैं. अधिकारियों के अनुसार, 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ इलाकों में मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम बाकी है, जिसके समय से पूरा न हो पाने के कारण अधिकारियों के माथे पर पसीने आ रहे है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि जो भी थोड़े काम बचे हुए हैं उसे अगले दो से तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.
दिल्ली एलजी ने दिए निर्देश
G20 की तैयारियों में कोई कमी न रहे इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (VK Saxena) खुद भी लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं. बीते 19 जुलाई को उन्होंने सौंदर्यीकरण और मरम्मत से जुड़े कार्यों को 31 जुलाई तक पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन वे कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाए. चूंकि अब शिखर सम्मेलन में ज्यादा समय शेष नहीं बचा है, इसलिए उपराज्यपाल खुद ही इन कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. जो काम अब तक अधूरे पड़े हैं, उन्हें उपराज्यपाल ने दो-तीन दिनों में पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है.
यहां-यहां अधूरा है काम
अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर जगहों पर काम अंतिम चरण में है. पालम टेक्निकल और ऐरोसिटी इलाके में 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. बचे हुए कार्य अगले दो-तीन दिनों में पूरे हो जाएंगे. विवेकानंद मार्ग पर सड़क के किनारे कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें ढंकने के लिए वहां पर बोर्ड लगाए जाएंगे. वहीं जो थोड़ा-बहुत काम रह जायेगा उसे भी सप्ताहांत तक समाप्त कर लिया जाएगा. हालांकि, मानसिंह रोड, अकबर रोड और विवेकानंद मार्ग, पर स्थित दरभंगा हाउस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास की बाहरी दीवारों, रक्षा मंत्री और CPWD की बाहरी दीवारों के मरम्मत और रंग-रोगन का काम अभी तक बचा हुआ है, जिसके अगले कुछ दिनों में पूरा होने की संभावना कम ही दिखाई दे रही है.
वहीं कैंट क्षेत्र में लगाये गए 10 फाउंटेन में अभी पानी के कनेक्शन को जोड़ने का काम चल रहा है. मॉल रोड पर बने फुटओवर ब्रिज की पेंटिंग होनी है, पालम स्टेशन से हनुमान मंदिर चौक के बीच 1 किलोमीटर के एरिया में सड़क के दोनों तरफ फुटपाथों पर टाईल्स लगाई जानी है, जो भी अगले पांच दिनों में पूरा होता नहीं दिख रहा है. जबकि, सभी विदेशी मेहमान इसी रास्ते से होते हुए नई दिल्ली इलाके में पहुंचेंगे. हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि यह सभी कार्य इस हफ्ते में पूरे कर लिए जाएंगे.
साभार : एबीपी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं