नई दिल्ली (मा.स.स.). इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) की एक पहल एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच) और मेटा ने आज नई दिल्ली में एक्सआर स्टार्टअप कार्यक्रम के लिए 120 स्टार्टअप और नवोन्मेषकों की सूची की घोषणा की है। जैसा कि सितंबर 2022 में घोषित किया गया था, एक्सआर स्टार्टअप कार्यक्रम पूरे भारत में विस्तारित वास्तविकता (एक्सआर) प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और नवोन्मेषकों की खोज, पोषण एवं तेजी लाने के लिए एमएसएच और मेटा के बीच एक सहयोग है।
एक्सआर स्टार्टअप कार्यक्रम में एक एक्सेलरेटर और एक ग्रैंड चैलेंज शामिल है, जिसका उद्देश्य देश में उभरते तकनीकी ईकोसिस्टम को बढ़ावा देना है। हाल ही में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस पर इसकी शुरूआत की गई थी। एक्सेलरेटर कार्यक्रम में चुने गए स्टार्टअप में से 30 प्रतिशत से अधिक पूरे भारत के टियर 2 और टीयर 3 शहरों से हैं। साथ ही, ग्रैंड चैलेंज में चयनित नवोन्मेषक और स्टार्टअप्स में से 40 प्रतिशत टियर 2 और टीयर 3 शहरों से हैं। इसके अलावा, 20 प्रतिशत से अधिक समूह में महिला नवोन्मेषक और महिला संस्थापकों / सह-संस्थापकों के साथ स्टार्टअप शामिल हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्टार्टअप हब (एमएसएच) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री जीत विजय ने कहा, “एक्सआर जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का डिजिटल ईकोसिस्टम पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारतीय स्टार्टअप और नवोन्मेषक, विशेष रूप से गैर-महानगरों से, मेटावर्स जैसी तकनीकों और इंटरनेट के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मेटा के साथ सहयोग इस तरह के स्टार्टअप्स को समर्थन और बड़े पैमाने पर आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा।”
एक्सआर स्टार्टअप कार्यक्रम की शुरुआत पर बोलते हुए, मेटा इंडिया के पब्लिक पॉलिसी निदेशक श्री शिवनाथ ठुकराल ने कहा, “भारत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, एग्रीटेक और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकियों द्वारा समर्थित एक महत्वपूर्ण डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। एक मजबूत स्टार्टअप ईकोसिस्टम और एक मजबूत तकनीकी प्रतिभा पूल के साथ, टियर II और III शहरों के स्टार्टअप और नवोन्मेषक देश के डिजिटल भविष्य को आकार देने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्टार्टअप हब के साथ एक्सआर स्टार्टअप प्रोग्राम जैसी पहलें, पूरे भारत में प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और नवोन्मेषकों के विकास के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य करेंगी।”
एक्सीलरेटर कार्यक्रम प्रत्येक को 20 लाख रुपये के अनुदान के साथ एक्सआर प्रौद्योगिकियों में काम कर रहे 40 प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा, ग्रैंड चैलेंज शिक्षा, सीखने और कौशल, स्वास्थ्य सेवा, गेमिंग और मनोरंजन, एग्रीटेक और जलवायु कार्रवाई और पर्यटन और स्थिरता जैसे क्षेत्रों में शुरुआती चरण के नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करेगा।
नवोन्मेषकों को काम करने योग्य उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए अनुसंधान और विकास चरण से अगले चरण तक पहुँचने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। पहले 80 नवोन्मेषक एक बूटकैंप में भाग लेंगे, जिनमें से कुल 16 नवोन्मेषकों में से प्रत्येक को 20 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा और उन्हें न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (एमवीपी)/प्रोटोटाइप विकसित करने में मदद करने के लिए और सहायता प्रदान की जाएगी। एक्सीलरेटर और ग्रैंड चैलेंज अन्य चीजों के अलावा ग्राहक कनेक्शन स्थापित करने, साझेदारी के अवसर और धन प्राप्त करने के साथ स्टार्ट-अप और नवोन्मेषकों का समर्थन कर रहे हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी दिल्ली (उत्तरी क्षेत्र) में फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईआईटी-एच (साउथ जोन) में सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईई), अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) एसएमयूटीबीआई (पूर्वी क्षेत्र) और गुजरात विश्वविद्यालय स्टार्टअप और उद्यमिता परिषद (जीयूएसईसी) (पश्चिम क्षेत्र) सहित कार्यान्वयन भागीदारों के साथ साझेदारी में कार्यक्रम को कार्यान्वित किया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय-एमएसएच के बारे में
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्टार्टअप हब (एमएसएच), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल है, जो नई फंडिंग योजनाओं, कॉर्पोरेट स्टार्टअप कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के बीच स्टार्टअप्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम के निर्माण और मजबूती पर केंद्रित है। हम अपने नेटवर्क में 4000 से अधिक स्टार्टअप, 51 समर्थित और 476 पंजीकृत नवोन्मेषक, 26 उद्यमिता केंद्र (सीओई), 22 एक्सेलरेटर और 400 से अधिक मेंटर्स की मेजबानी करते हैं।
मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. के बारे में
मेटा ऐसी तकनीकों का निर्माण करता है जो लोगों को जोड़ने, समुदायों को खोजने और व्यवसायों को विकसित करने में मदद करती हैं। वर्ष 2004 में जब फेसबुक की शुरूआत हुई थी तो इसने लोगों के जुड़ने के तरीके को बदल दिया। मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे ऐप्स ने दुनिया भर के अरबों लोगों को और अधिक सशक्त बनाया है। अब, मेटा 2डी स्क्रीन से आगे बढ़ते हुए सामाजिक प्रौद्योगिकी में विकास के अगले चरण के निर्माण में मदद करने के लिए संवर्धित और आभासी वास्तविकता जैसे इमर्सिव अनुभवों की ओर बढ़ रहा है।