पटना. बिहार में कांग्रेस को एक और झटका लगा है. पार्टी के प्रवक्ता असित नाथ (Asit Nath Tiwari) तिवारी ने सोमवार (01 अप्रैल) को घोषणा करते हुए कहा कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ प्रवक्ता के पद से भी इस्तीफा देते हैं. हालांकि इसके पीछे उन्होंने अपने बयान में साफ कर दिया है कि कोई वजह नहीं है. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह फैसला लिया है.
इस संबंध में उन्होंने अखिलेश प्रसाद सिंह को पत्र लिखा है. असित नाथ तिवारी ने बयान जारी करते हुए कहा, “बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी त्याग दी है. इस्तीफे का कारण पूर्णतः व्यक्तिगत है. पार्टी के किसी नेता या कार्यकर्ता से मेरी कोई शिकायत नहीं है. 2020 में विधानसभा चुनाव के समय में मैंने पार्टी की सदस्यता ली थी. उसी वक्त मुझे पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया था. तब से लेकर अब तक का सफर बहुत अच्छा रहा. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं का पूरा सहयोग मिला. इन सबका तहे दिल से आभार.”
रविवार को अनिल शर्मा ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि असित नाथ तिवारी से पहले बीते रविवार (31 मार्च) को बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया था. ऐसे में कहा जा सकता है कि एक तरफ लोकसभा का चुनाव है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है. असित नाथ तिवारी ने तो पार्टी में किसी नेता और कार्यकर्ता पर आरोप नहीं लगाया है लेकिन अनिल शर्मा अनदेखी से नाराज थे. उन्हें काफी समय से संगठन में कोई बड़ा पद नहीं मिला था. यहां तक कि उन्होने महागठबंधन में रहते हुए जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठाए थे.
अनिल शर्मा ने इस्तीफा देने के बाद कहा, “1998 में जब से आरजेडी का कांग्रेस से गठबंधन हुआ था मैं इस गठबंधन का विरोधी रहा हूं. आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन आत्मघाती है. लालू के कारण कांग्रेस बिहार में वोट कटवा पार्टी बनके रह गई है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते मैं पप्पू यादव का विरोध करता था. वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनका महिमामंडन नहीं कर सकता. मेरे पार्टी छोड़ने का यह भी एक कारण है.” इसके साथ ही उन्होंने कई और आरोप भी लगाए थे.
साभार : एबीपी न्यूज
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