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बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों से मात्र 2 शब्द लिखवाकर लिया जा रहा है त्यागपत्र

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ढाका. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कई दिनों से अत्याचार किए जा रहे है. इतने समय से अत्याचारों का सामना करने के बाद अब बांग्लादेश में हिंदुओं को सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने पर मजबूर किया जा रहा है. बीते दिनों बांग्लादेश में करीब 50 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है. द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चन ओइक्या परिषद की छात्र शाखा ने शनिवार को जातीय प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये जानकारी दी. संगठन के संयोजक साजिब सरकार ने कहा कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को हिंसा का सामना करना पड़ा है.

2 शब्द लिखवाकर छीनी जा रही है नौकरी!

द डेली स्टार की रिपोर्ट बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और कार्यस्थलों पर आगजनी की जा रही है. इसके अलावा अल्पसंख्यक हिंदु शिक्षकों को शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण करीब 50 शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देना पड़ा है. इन शिक्षकों से I Resign लिखवाकर उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर किया जा रहा है.

शिक्षकों को किया जा रहा है अपमानित

डॉ. चंद्रनाथ पोद्दार, प्रोफेसर, गणित विभाग, ढाका विश्वविद्यालय को छात्रों द्वारा जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. जिन शिक्षकों ने डर के कारण कैंपस में नहीं आने का फैसला किया था, उनके घरों तक जाकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है.

हिंसा के चलते हुई 400 से ज्यादा लोगों की मौत

शेख हसीना की सरकार को पिछले महीने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक कोटा विरोधी प्रदर्शनों के बाद पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसमें 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद कहा था कि वह संविधान की मर्यादा बनाए रखेंगे, लोगों का समर्थन और उनकी रक्षा करेंगे और ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करेंगे. तब बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी. शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद देश में असामाजिक तत्वों ने अशांति फैलाई और हिंदुओं के घरों तथा पूजा स्थलों को निशाना बनाया. हालांकि हिदुंओं पर अभी भी यहां अत्याचाक किए जा रहे हैं.

साभार : इंडिया न्यूज़पोर्टल

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