चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पैरोल मिलने का विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को एक चिट्ठी लिखी है। उसमें कहा गया है कि राम रहीम जेल से बाहर आया तो चुनाव को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, उसे आचार संहिता के दौरान पैरोल न दी जाए।
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के लीगल सेल के केसी भाटिया की ओर से यह चिट्ठी लिखी गई है। कहा गया है कि हरियाणा में राम रहीम का मास बेस है। इसके चलते हरियाणा के चुनावों को डेरा प्रमुख प्रभावित कर सकता है। चिट्ठी में लिखा है कि इससे पहले भी डेरा प्रमुख जेल से पैरोल और फरलो के जरिए बाहर आकर चुनावों को प्रभावित कर चुका है। इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सोमवार, 30 सितंबर को चुनाव आयोग ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पैरोल को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग ने 3 शर्तें लगाई हैं। राम रहीम आज (1 अक्टूबर) रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ सकता है।
आयोग की ओर से लगाईं शर्तें…
पहली: जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं रहेगा। दूसरी: कोई भी पॉलिटिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होगा। तीसरी: सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार नहीं करेगा। चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार से कहा गया है कि अगर राम रहीम आचार संहिता या शर्तों का उल्लंघन करता है तो पैरोल तुरंत कैंसिल कर दी जाएगी।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। इसी वजह से राम रहीम की पैरोल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इसका हरियाणा की 36 सीटों पर असर है। यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा।
साभार : दैनिक भास्कर
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