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18 साल बाद इजरायल की सेना लेबनान की सीमा में घुसी

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गाजा. इजराइल अपने नंबर-एक दुश्मन हसन नसरल्लाह को खत्म कर चुका है, बावजूद इसके लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत की जा चुकी है. 18 साल बाद इजराइली सेना एक बार फिर लेबनान की सीमा में दाखिल हुई है. हालांकि 2006 में जब इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में कार्रवाई शुरू की थी तो उसका दांव उल्टा पड़ा था. 34 दिनों तक चले युद्ध में इजराइल को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.

तब क्रॉस बॉर्डर रेड के दौरान हिजबुल्लाह ने इजराइल के 2 सैनिकों को बंधक बना लिया था जिसके चलते इजराइल को लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन करना पड़ा. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. लेबनान की धरती पर कदम रखे बिना ही इजराइल हिजबुल्लाह को बड़ा नुकसान पहुंचा चुका है, ऐसे में सवाल उठता है कि हिजबुल्लाह चीफ को मार गिराने के बाद भी इजराइली सेना लेबनान में जमीनी आक्रमण क्यों करना चाहती है?

लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन का क्या है मकसद?

भले ही हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को इजराइल ने मार गिराया हो लेकिन अब भी नॉर्थ इजराइल में हिजबुल्लाह के हमले जारी हैं. टॉप लीडरशिप खत्म होने के बावजूद संगठन के इरादे कमजोर नहीं पड़े हैं. हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ और नंबर-2 के नेता नईम कासिम सोमवार को एक वीडियो संदेश के जरिए साफ कर दिया था कि उनका विद्रोही समूह किसी भी तरह के युद्ध के लिए तैयार है. ऐसे में इजराइल के इस ग्राउंड ऑपरेशन के 3 मकसद हो सकते हैं.

पहला: हिजबुल्लाह के सैन्य ठिकानों को तबाह करना

इस ग्राउंड ऑपरेशन को लेकर इजराइल का पहला मकसद होगा हिजबुल्लाह के सैन्य ठिकानों को तबाह करना. दरअसल अभी तक ज्यादातर हमले उन रिहाइशी इलाकों में हुए हैं जहां इजराइल ने हिजबुल्लाह के हथियार लोगों के घरों में छिपाने का दावा किया था. लेकिन हिजबुल्लाह की ओर से कुछ दिनों पहले ही एक सुरंग का वीडियो जारी किया गया था जहां हजारों की संख्या में रॉकेट और मिसाइलें थीं. अनुमान के मुताबिक हिजबुल्लाह के पास एक लाख से अधिक रॉकेट और मिसाइलें हैं, अगर उसकी सैन्य क्षमता को खत्म नहीं किया गया तो वह आने वाले दिनों में इजराइल पर दोगुनी ताकत से हमला कर सकता है.

दूसरा: नॉर्दर्न इजराइल पर हिजबुल्लाह के हमले रोकना

हसन नसरल्लाह की मौत से हिजबुल्लाह को बड़ा झटका लगा है, उसके हजारों लड़ाके घायल हैं यानी वह युद्ध करने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में इजराइली सेना की कोशिश होगी कि हिजबुल्लाह को लेबनान के अंदर ही उलझाकर नॉर्दर्न इजराइल पर हो रहे हमलों को रोका जा सके. अगर इजराइल यह रणनीति सफल होती है तो यह उसकी नॉर्थ बॉर्डर प्लानिंग के तहत बड़ी कामयाबी होगी. इजराइल के मुताबिक हिजबुल्लाह के हमलों के चलते करीब 60 हजार यहूदी इस क्षेत्र से विस्थापित हो चुके हैं. जिन्हें दोबारा बसाना उसके युद्ध लक्ष्यों में से एक है.

तीसरा: इजराइल-लेबनान बॉर्डर पर बफर जोन

माना जा रहा है कि इसी युद्ध लक्ष्य को पूरा करने के लिए इजराइली सेना ने लेबनान की सरजमीं पर कदम रखा है. एक्सपर्ट का मानना है कि इजराइली सेना बॉर्डर इलाके पर कब्जा कर एक बफर जोन बना सकती है, जैसा कि उसने गाजा में नेत्जारिम और फिलाडेल्फी कॉरिडोर बनाकर किया है. ऐसा करके इजराइल हिजबुल्लाह को सीमावर्ती इलाके से दूर रखने में कामयाब होगा साथ ही नॉर्थ इजराइल से विस्थापित यहूदियों को दोबारा बसाना आसान होगा.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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