नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल से भी अधिक समय से जंग जारी है. भारत से हजारों कोस दूर बसे इन 2 देशों की लड़ाई में कई भारतीय भी मारे गए हैं. भारत सरकार ने आज गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि रूसी सेना के लिए लड़ते हुए रूसी सशस्त्र बलों में कार्यरत 8 भारतीयों की मौत हो चुकी है. एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि उपलब्ध जानकारी से यह संकेत मिलता है कि 12 भारतीय नागरिक पहले ही रूसी सशस्त्र बलों को छोड़ चुके हैं, जबकि अन्य 63 भारतीय भी जल्द वहां से निकलने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “जंग में मरने वाले 8 लोग ऐसे हैं जिनमें मृतक की नागरिकता की पहचान भारतीय के रूप में की गई है.”
‘4 भारतीयों के शव के लिए वित्तीय मदद’
कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार को कुछ भारतीय नागरिकों की जल्द छोड़े जाने को लेकर अनुरोध मिले हैं, जिन्हें कथित तौर पर साफ तरीके से बताए बगैर ही रूसी सशस्त्र बलों में भर्ती कर लिया गया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, “इस तरह के भारतीय नागरिकों की सही संख्या की जानकारी नहीं है.” विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन ने कहा, “फिलहाल हमारे पास उपलब्ध जानकारी से यही संकेत मिलता है कि 12 भारतीय नागरिक पहले ही रूसी सशस्त्र बलों को छोड़ चुके हैं, जबकि अन्य 63 लोग जल्द वहां से छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि 4 भारतीय नागरिकों के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय मदद प्रदान की गई है. जरूरत पड़ने पर अन्य मामलों के लिए भी यह मदद कराई जाएगी.
रूस भी मृतकों के परिजनों को मुआवजा देगा
उन्होंने यह भी कहा, “इसके अलावा रूसी संघ की सरकार ने भी जानकारी दी है कि मृतक व्यक्तियों के परिवारों को उनके द्वारा हस्ताक्षरित अनुबंधों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा.” उन्होंने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई, साथ ही उनकी सुरक्षा तथा कल्याण के मुद्दे को सरकार ने विभिन्न स्तरों पर रूस के संबंधित अधिकारियों के साथ दृढ़ता से उठाया है. पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान भारतीयों की रिहाई के मुद्दे को उठाए जाने की बात करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने कहा, “जुलाई में रूस की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने रूसी सशस्त्र बलों से सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई की तत्काल आवश्यकता पर दृढ़ता से जोर दिया था.”
विदेश मंत्रालय (MEA) ने जून में कहा था कि रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों का मुद्दा “अत्यंत चिंता” का विषय बना हुआ है. मास्को से कार्रवाई की मांग की गई है. 11 जून को, भारत ने कहा कि रूसी सेना की ओर से भर्ती किए गए 2 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए हैं. भारतीयों की मौत के बाद, विदेश मंत्रालय ने रूसी सेना की ओर से भारतीय नागरिकों की आगे की भर्ती पर रोक लगाने की मांग की.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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