भुवनेश्वर. ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुचरिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपना टिकट लौटाते हुए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखी चिट्ठी है। इसमें सुचरिता ने चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं मिलने की बात कही है।सुचरिता ने चिट्ठी में लिखा- मैं एक पेशेवर पत्रकार थी, जिसने 10 साल पहले राजनीति में प्रवेश किया था। मैंने पुरी में अपने कैंपेन में अपना सब कुछ झोंक दिया। मैंने पब्लिक डोनेशन की भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुई। बिना पार्टी फंडिंग के चुनावी कैंपेन संभव नहीं होगा।
सुचरिता ने कहा कि मेरे टिकट लौटाने का पहला कारण यह है कि पार्टी मुझे फंड नहीं दे पा रही थी। दूसरा यह कि राज्य की 7 विधानसभा क्षेत्रों की कुछ सीटों पर पार्टी ने जीतने वाले नेताओं को टिकट न देकर कमजोर उम्मीदवारों को उतारा है। मैं इस तरह चुनाव चुनाव नहीं लड़ सकती।
पुरी सीट से भाजपा के संबित पात्रा लड़ रहे चुनाव
सुचरिता पुरी सीट से भाजपा के संबित पात्रा और बीजू जनता दल (BJD) के अरूप पटनायक के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं। अरूप पटनायक मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं। दोनों ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव में भी सुचरिता को अपना प्रत्याशी बनाया था। ओडिशा में 13, 20, 25 मई और 1 जून को चार फेज में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पुरी लोकसभा सीट और राज्य की 7 विधानसभा सीटों के लिए 25 मई को मतदान होना है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 6 मई है।
पुरी सीट पर कांग्रेस और BJD का वर्चस्व रहा
1952 में स्थापना के बाद से पुरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस और BJD के वर्चस्व रहा है। कांग्रेस ने यहां 6 बार- 1952, 1962, 1971, 1980, 1984 और 1996 में जीत दर्ज की है। 1998 से ये सीट BJD के पास है।
2019 में संबित पात्रा सिर्फ 12 हजार वोटों से हारे
2019 के लोकसभा चुनाव में BJD के पिनाकी मिश्रा ने 5 लाख 38 हजार वोटों के साथ जीत हासिल की थी। भाजपा के संबित पात्रा 5 लाख 26 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में सत्य प्रकाश नायक को टिकट दिया था। हालांकि, उन्हें सिर्फ 44,734 वोट मिले थे।
सूरत-इंदौर में भी कांग्रेस प्रत्याशी नहीं लड़ रहे चुनाव
पुरी से पहले कांग्रेस को मध्य प्रदेश के इंदौर और अहमदाबाद के सूरत सीट पर भी चुनाव से ठीक पहले झटका लगा है। सूरत में गवाहों के नाम-साइन में गड़बड़ी के कारण कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। इसके बाद यहां से भाजपा कैंडिडेट मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद चुने गए थे।
साभार : दैनिक भास्कर
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