शिमला. संजौली में मस्जिद निर्माण का मामला तूल पकड़ रहा है। शिमला में आज देवभूमि क्षेत्रिय संगठन के बैनर विशाल प्रदर्शन रखा गया है। तनाव की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन्हें संजौली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई। इसलिए चौड़ा मैदान में प्रदर्शन रखा गया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने दावा किया कि इस प्रदर्शन में उनके साथ प्रदेश सरकार में कुछ मंत्री भी शामिल होंगे।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा, एक विशेष समुदाय ने शिमला में काफी जगह कब्जा कर रखा है। एक दिन हिमाचल बांग्लादेश बन जाएगा। इसलिए हिमाचल को बचाने के लिए हमें जागना होगा। उन्होंने बताया, संजौली में अवैध मस्जिद को गिराना होगा। देवभूमि का माहौल खराब करने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। इसलिए आज सड़कों पर उतर रहे हैं। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
इसी मामले में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते कल सदन में कहा था कि, नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। अगर कोर्ट मस्जिद को अवैध बोलता है, तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह मस्जिद और विशेष समुदाय पर सख्त कार्रवाई की पैरवी करते नजर आएं। उन्होंने कहा, एक विशेष समुदाय के नए-नए लोग रोज यहां आ रहे हैं। क्या ये रोहिंग्या है? वह कुछ ऐसे लोगों को जानते हैं, जो बांग्लादेशी है। उन्होंने सदन में एमसी की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए।
संजौली में 5 दिन से मस्जिद पर मचा बवाल
शिमला के संजौली में पॉश इलाके में बिना अनुमति व नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला ऊंची मस्जिद बना दी गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां बड़ी संख्या में सैकड़ों लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 4 दिन पूर्व प्रदर्शन कर रहे लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्तियों के घरों में तांक-झांक करने के भी आरोप लगाए थे।
हिंदू संगठन मस्जिद तोड़ने पर अड़े
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। बीते शनिवार शाम को समुदाय विशेष के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट भी की गई। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मारपीट के बाद से यह मामले ने तूल पकड़ा है। हिंदू संगठनों और स्थानीय लोग मस्जिद को गिराने पर अड़ गए हैं।
पहले 2 परिवार थे, अब सैकड़ों लोग पहुंच रहे: श्याम लाल
संजौली निवासी 73 वर्षीय श्याम लाल ने बताया कि पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे, लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और 2 मंजिल की थी। उन्होंने बताया कि नमाज के वक्त यहां लोगों की इतनी भीड़ होती है। इससे स्थानीय लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है।
इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद
मस्जिद के इमाम शहजाद ने कहा, मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज में दिक्कतें आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा एकत्रित किया और मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू किया। उन्होंने बताया कि जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थी। 2 मंजिल को लेकर बवाल कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार के अनुसार, मस्जिद पुरानी है। मगर अवैध निर्माण 2010 में शुरू हुआ। इसके बाद 30 से 35 बार अवैध निर्माण रोकने के लिए नोटिस दिए गए। मगर निर्माण नहीं रोका गया और कमिशनर कोर्ट में 44 पेशी लग चुकी है। इस मामले में अगली सुनवाई परसो यानी 7 सितंबर को है।
साभार : दैनिक भास्कर
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