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बेतिया ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में नई चेतना का संचार किया था : नरेंद्र मोदी

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पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बेतिया में विकसित भारत-विकसित बिहार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मिकी के कर्मभूमि, माता सीता के शरणभूमि, और लव-कुश के इ भूमि पर हम सबके प्रणाम कर तानी! राज्यपाल  राजेंद्र अर्लेकर, मंत्रीमंडल में मेरे सहयोगी नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, राज्य सरकार में मंत्री, वरिष्ठ नेता, विजय कुमार चौधरी, संतोष कुमार सुमन, सांसद संजय जायसवाल, राधा मोहन, सुनील कुमार, रमा देवी, सतीश चंद्र दुबे, अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव और बिहार के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

ये वो भूमि है जिसने भारत की आज़ादी की लड़ाई में नए प्राण फूंके, नई चेतना का संचार किया। इसी धरती ने, मोहनदास जी को महात्मा गांधी बना दिया। विकसित बिहार से विकसित भारत, ये संकल्प लेने के लिए, बेतिया से बेहतर, चंपारण से बेहतर और कोई स्थान हो सकता है क्या भला ? और आज यहां, इतनी बड़ी संख्या में आप सभी हम NDA के सभी साथियों  को आशीर्वाद देने के लिए आए। आज बिहार के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों, लोकसभा क्षेत्रों से भी हजारों लोग विकसित भारत संकल्प के इस कार्यक्रम में अपने-अपने स्थान पर जुड़े हैं। मैं बिहार के सभी लोगों का अभिनंदन करता हूं। मैं आप सब से क्षमा भी मांगता हूं। क्योंकि मुझे आने में जरा ज्यादा विलंब हो गया। मैं बंगाल में था और इन दिनों बंगाल का उत्साह भी कुछ और ही है। वहां  12 किलोमीटर का रोड शो था। तो बड़ी मुश्किल से मैं समय कम करने की कोशिश तो कर रहा था, लेकिन इसके कारण लेट पहुंचा। आपको जो कठिनाई हुई, इसके लिए मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं।

बिहार वो धरती है, जिसने सदियों तक देश का नेतृत्व किया है। बिहार वो धरती है, जिसने एक से बढ़कर एक प्रतिभावान व्यक्तित्व मां भारती को दिए हैं। और ये सच्चाई है, जब-जब बिहार समृद्ध रहा है, तब भारत समृद्ध रहा है। इसलिए विकसित भारत के लिए, बिहार का विकसित होना उतना ही जरूरी है। मुझे खुशी है कि बिहार में विकास का डबल इंजन लगने के बाद, विकसित बिहार से जुड़े कार्यों में और तेजी आ गई है। आज भी करीब 13 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का उपहार बिहार को मिला है। इसमें रेल-रोड, इथेनॉल प्लांट, सिटी गैस सप्लाई,  LPG गैस, ऐसी अनेक अहम परियोजनाएं शामिल हैं। विकसित बिहार के लिए, हमें यही तेजी पकड़नी है, इसी तेजी को बनाए रखना है। आप सभी को इन परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई।

आजादी के बाद के दशकों में बिहार की एक बहुत बड़ी चुनौती रही है- यहां से युवाओं का पलायन। जब बिहार में जंगलराज आया, तो ये पलायन और ज्यादा बढ़ गया। जंगलराज लाने वाले लोगों ने सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार की चिंता की, बिहार के लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। बिहार के मेरे नौजवान साथी दूसरे राज्यों के दूसरे शहरों में रोजी-रोटी के लिए जाते रहे और यहां एक ही परिवार फलता-फूलता रहा। किस तरह एक एक नौकरी के बदले जमीनों पर कब्जा किया गया। क्या कोई भी व्यक्ति सामान्य मानवीय को इस प्रकार से लुटने वालों को माफ कर सकता है क्या? माफ कर सकता है क्या? क्या ऐसे लोगों को माफ कर सकते हैं क्या? बिहार में जंगलराज लाने वाला परिवार, बिहार के युवाओं का सबसे बड़ा गुनहगार है। जंगलराज के जिम्मेदार परिवार ने बिहार के लाखों नौजवानों से उनका भाग्य छीन लिया। ये NDA सरकार है जो इस जंगलराज से बिहार को बचाकर इतना आगे लाई है।

NDA की डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि बिहार के युवा को यहीं बिहार में नौकरी मिले, यहीं बिहार में रोजगार मिले। आज जिन हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उसके मूल में भी यही भावना है। आखिर इन परियोजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी कौन हैं? इसका सबसे अधिक लाभ उन नौजवानों को होगा, जो अभी रोजगार करना चाहते हैं, जो स्कूल-कॉलेज में पढ़ रहे हैं। आज गंगाजी पर 6 लेन के केबल आधारित ब्रिज का शिलान्यास हुआ है। बिहार में 22 हज़ार करोड़ रुपए से एक दर्जन से अधिक पुल पर काम चल रहा है, जिनमें से 5 पुल तो गंगाजी पर बन रहे हैं। ये पुल, ये चौड़े रास्ते ही, वही तो विकास का मार्ग बनाते हैं, उद्योगों को लाते हैं। ये जो बिजली से चलने वाली ट्रेनें चल रही हैं, वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चलने लगी हैं, ये गति किसके लिए है? ये भी उन नौजवानों के लिए है, जिनके माता-पिता ने ऐसी सुविधाओं के सपने देखे थे। ये जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है- ये रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसमें मजदूर हो, ड्राइवर हो, सर्विस से जुड़े लोग हों, इंजीनियर हों, ऐसे अनेक क्षेत्रों के रोजगार इससे पैदा होते हैं। यानि ये जो हज़ारों करोड़ रुपए सरकार लगा रही है, ये पैसा बिहार के सामान्य परिवारों के पास ही पहुंचेगा। इससे रेत, पत्थर, ईंट, सीमेंट, स्टील, ऐसे अनेक उद्योगों को, फैक्ट्रियों को, छोटे-छोटे दुकानों को बल मिलने वाला है।

ये जितनी भी नई ट्रेनें चल रही हैं, पटरियां बिछ रही हैं, ये सब कुछ आज भारत में ही बन रहा है, मेड इन इंडिया है। यानि इसमें भी भारत के ही लोगों को रोजगार मिल रहा है। बिहार में भी रेल इंजन बनाने वाली आधुनिक फैक्ट्रियां एनडीए सरकार ने बनाई हैं। आज पूरी दुनिया में डिजिटल इंडिया की बहुत बड़ी चर्चा है। और मैं आपको एक बात और बोलूं? आज कई विकसित देशों में भी ऐसी डिजिटल व्यवस्था नहीं है, जो बेतिया में, चंपारण में उपलब्ध है। विदेशी नेता जब मुझसे मिलते हैं, तो पूछते हैं कि मोदी जी, आपने ये सब इतनी जल्दी कैसे किया? तब मैं उन्हें कहता हूं कि ये मोदी ने नहीं, ये भारत के नौजवानों ने किया है। मोदी ने तो भारत के हर युवा को उनके हर कदम पर साथ देने की गारंटी दी है। और विकसित बिहार के लिए आज यही गारंटी मैं बिहार के युवा को भी दे रहा हूं। और रउआ जानते बानी, मोदी के गारंटी मने गारंटी पूरा होखे के गारंटी।

एक तरफ नया भारत बन रहा है वहीं दूसरी तरफ RJD, कांग्रेस और इनका इंडी गठबंधन, अभी भी 20वीं सदी की दुनिया में जी रहा है। NDA की सरकार कह रही है कि हम हर घर को सूर्यघर बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हर घर की छत पर सोलर प्लांट हो। उससे वो घर भी कमाए और उसे बिजली भी मुफ्त मिले। लेकिन इंडी गठबंधन, अभी भी लालटेन की लौ के ही भरोसे जी रही है। जब तक बिहार में लालटेन का राज रहा, तब तक सिर्फ एक ही परिवार की गरीबी मिटी, एक ही परिवार समृद्ध हुआ। आज जब मोदी ये सच्चाई बताता है तो ये मोदी को गाली देते हैं। भ्रष्टाचारियों से भरे इंडी गठबंधन का सबसे बड़ा मुद्दा है- मोदी का परिवार नहीं है। ये लोग कहते हैं कि इंडी गठबंधन के परिवारवादी नेताओं को लूटने का लाइसेंस मिलना चाहिए। क्या लूटने का लाइसेंस मिलना चाहिए क्या? मिलना चाहिए क्या? आज भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी अगर होते- तो ये उनसे भी यही सवाल पूछते, जो मोदी से पूछ रहे हैं। परिवारवाद और भ्रष्टाचार के कट्टर समर्थक ये आज पूज्य बापू, जेपी, लोहिया, बाबा साहेब अंबेडकर को भी कटघरे में खड़ा करते। इन्होंने भी तो अपने परिवार को बढ़ावा नहीं दिया, बल्कि देश के हर परिवार के लिए जीवन खपा दिया।

आज आपके सामने वो व्यक्ति है, जिसने बहुत छोटी आयु में घर छोड़ दिया था। बिहार का कोई भी व्यक्ति किसी भी राज्य में रहे, लेकिन छठ पूजा पर, दीवाली पर घर जरूर लौटता है। लेकिन ये मोदी जिसने बचपन में ही घर छोड़ दिया। मेरा कौन सा घर है जहां मैं लौटूं…? मेरे लिए तो पूरा भारत ही मेरा घर है, हर भारतवासी ही मेरा परिवार है। इसलिए आज हर भारतीय कह रहा है, हर गरीब, हर नौजवान कह रहा है- ‘मैं हूं मोदी का परिवार! ‘मैं हूं मोदी का परिवार! हम बानी मोदी के परिवार! मैं गरीब की हर चिंता खत्म करना चाहता हूं। इसलिए मोदी अपने गरीब से गरीब परिवार को मुफ्त राशन दे रहा है, मुफ्त इलाज की सुविधा दे रहा है। मैं चाहता हूं कि महिलाओं की जिंदगी से कठिनाइयां कम हों। इसलिए मोदी महिलाओं के नाम पक्के घर दे रहा है, टॉयलेट दे रहा है, बिजली पहुंचा रहा है, गैस का कनेक्शन लग रहा है, नल से जल की सुविधा हो रही है, ऐसी चीजों पर काम कर रहा है। मैं चाहता हूं कि मेरे देश के नौजवानों का भविष्य बेहतर हो। इसलिए, मोदी रिकॉर्ड संख्या में मेडिकल कॉलेज बना रहा है, AIIMS बना रहा है, IIT बना रहा है, IIM बना रहा है, ऐसे आधुनिक शिक्षण संस्थान मेरे नौजवानों के भविष्य के लिए बना रहा है।

मैं चाहता हूं मेरे देश के किसानों की आय बढ़े, वो और सशक्त हों। इसलिए, मोदी अपने अन्नदाता परिवार को ऊर्जादाता और उर्वरकदाता बना रहा है। आज बिहार समेत देशभर में इथेनॉल के प्लांट लगाए जा रहे हैं। कोशिश यही है कि गन्ना किसानों, धान किसानों की उपज से देश में गाड़ियां भी चलें और किसानों की कमाई भी बढ़े। कुछ दिन पहले ही NDA सरकार ने गन्ने की खरीद का दाम 340 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। कुछ दिन पहले ही NDA सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शुरू की है। इसके तहत देश में, बिहार में हजारों गोदाम बनाए जाएंगे। बिहार के मेरे छोटे-छोटे किसान परिवारों का जीवन आसान हो, इसके लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत भी उन्हें हजारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है। यहां बेतिया के ही किसानों को करीब-करीब 800 करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के मिले हैं। और इन परिवारवादियों ने आपके साथ क्या किया इसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं। यहां बरौनी का खाद कारखाना कब से बंद पड़ा था। इन परिवारवादियों को कभी इसकी चिंता नहीं हुई। मोदी ने किसानों को, मजदूरों को इसे फिर से शुरू करवाने की गारंटी दी थी। आज ये खाद कारखाना, अपनी सेवा दे रहा है, और नौजवानों को रोजगार भी दे रहा है। और इसलिए ही लोग कहते हैं- मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी।

चुनाव में ये जो इंडी गठबंधन वाले हैं ना, उनको पता है अब वो कहीं के रहने वाले नहीं हैं। और अपनी हार तय देख, इंडी गठबंधन के निशाने पर खुद भगवान राम भी आ गए हैं। यहां बेतिया में मां सीता की अनुभूति है, लव-कुश की अनुभूति है। इंडी गठबंधन के लोग जिस तरह प्रभु राम और राम मंदिर के विरुद्ध बातें बोल रहे हैं, ये पूरे बिहार के लोग देख रहे हैं। और बिहार के लोग ये भी देख रहे हैं कि भगवान राम का अपमान करने वालों का साथ कौन दे रहा है। यही परिवारवादी हैं जिन्होंने दशकों तक रामलला को टैंट में रखा। यही परिवारवादी हैं जिन्होंने राममंदिर न बने, इसके लिए जी-तोड़ कोशिश की। आज भारत, अपनी विरासत, अपनी संस्कृति का सम्मान कर रहा है, तो इन लोगों को इसकी भी परेशानी हो रही है।

ये क्षेत्र प्रकृति प्रेमी, थारू जनजाति का क्षेत्र है। थारू समाज में प्रकृति के साथ प्रगति की जो जीवनशैली हम देखते हैं, वो हम सबके लिए सबक है। आज अगर भारत, प्रकृति की रक्षा करते हुए विकास कर रहा है, तो इसके पीछे थारू जैसी जनजाति की भी प्रेरणा है। इसलिए तो मैं कहता हूं कि विकसित भारत के निर्माण के लिए सबका प्रय़ास चाहिए, सबकी प्रेरणा चाहिए, सबकी सीख चाहिए। लेकिन इसके लिए NDA सरकार का 400 पार होना उतना ही आज जरूरी है। है के नहीं है? कितना? 400.. कितना?  400.. देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए- NDA 400 पार, NDA 400 पार। गरीबी से लोगों को बाहर निकालने के लिए- NDA 400 पार, NDA 400 पार। युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने के लिए- NDA 400 पार। गरीबों को पक्के घर देने के लिए- NDA…400 पार। एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए- NDA 400 पार। 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के लिए- NDA 400 पार। देश के कोने-कोने में वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए- NDA 400 पार। विकसित भारत-विकसित बिहार के लिए- NDA…400 पार।

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