शुक्रवार , मई 03 2024 | 03:33:59 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / पांडवों ने पांच गांव मांगे थे, हिन्दू तो सिर्फ 3 स्थान मांग रहे हैं : योगी आदित्यनाथ

पांडवों ने पांच गांव मांगे थे, हिन्दू तो सिर्फ 3 स्थान मांग रहे हैं : योगी आदित्यनाथ

Follow us on:

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में हुई प्राण प्रतिष्ठा से देश के गौरव की पुर्नस्थापना हुई है। देश-विदेश के करोड़ों रामभक्तों में उत्साह है। अब अयोध्या विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनने की दिशा में अग्रसर हो रही है।

उन्होंने महाभारत के सहारे विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि पांडवों ने दुर्योधन से सिर्फ पांच गांव मांगे थे यहां पर बहुसंख्यक समाज के लोगों ने अयोध्या, मथुरा और काशी मांगी थी। इसके लिए उन्हें सदियों तक संघर्ष करना पड़ा। आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है। काशी और मथुरा हमारे लिए सिर्फ एक नगर ही नहीं हैं बल्कि विशिष्ट स्थान हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया…। हम जो कहते हैं वो कर के दिखाते हैं। हमें खुशी है कि अयोध्या का पुराना गौरव वापस लौट आया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि होना तो ये चाहिए था कि आजादी के बाद से ही हिंदुओं के इन पवित्र स्थानों को भव्य बनाया जाता पर वोट बैंक की राजनीति के कारण अयोध्या की उपेक्षा हुई और अयोध्या वोटबैंक की राजनीति के कारण अभिशप्त रही।

अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। वहां के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। मंदिर का मामला तो न्यायालय में था तो क्या वहां सड़क और बिजली नहीं दी जा सकती थी। क्या सरयू के घाटों की सफाई नहीं की जा सकती थी लेकिन अयोध्या को कुत्सित मंशा के कारण अभिशप्त रखा गया।

‘डबल इंजन की सरकार ने युवाओं के सामने पहचान का संकट खत्म किया’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले यूपी के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था। वो कहीं जाते थे तो रहने के लिए उन्हें कमरा नहीं मिलता था पर अब ये पहचान का संकट खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश की छवि में बदलाव किया है। प्रदेश तरक्की कर रहा है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। देश ही नहीं दुनिया के नक्शे पर यूपी को पहचान मिल रही है। अयोध्या में विदेशों से पर्यटक आ रहे हैं।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ज्ञानवापी पर निर्णय देने वाले जज को विदेश से मिल रही हैं धमकियाँ

लखनऊ. बरेली में जज रवि कुमार दिवाकर को फोन पर जान से मारने की धमकी …