मंगलवार, दिसंबर 03 2024 | 11:08:25 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तराखंड / अगर मुसलमानों की बात नहीं सुनी जाती, तो ऐसी आजादी हमें नहीं चाहिए : तौकीर रजा

अगर मुसलमानों की बात नहीं सुनी जाती, तो ऐसी आजादी हमें नहीं चाहिए : तौकीर रजा

Follow us on:

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया है। हल्द्वानी हिंसा और ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ रजा ने विरोध का ऐलान किया था। इसके बाद उनके समर्थन में तमाम लोग सड़कों पर आ गए। इस दौरान रजा के विवादित बयान से माहौल और अशांत हो गया है। जुमे की नमाज के बाद रजा के समर्थन में तमाम लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसे लेकर प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। बरेली और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। तौकीर रजा समेत 20 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।

हल्द्वानी की घटना के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल यानी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमें अपने देश से प्यार है इसलिए हमने अब तक चुप्पी साधे रखी थी। हमारी चुप्पी को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। अब पानी सिर से ऊपर हो गया है। लोकतंत्र में अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो ऐसी आजादी हमें नहीं चाहिए। तौकीर रजा ने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार शासन कर रही है, जो हमारी आवाज दबा रही है। हल्द्वानी हिंसा पर तौकीर रजा ने कहा कि हमारी आवाज को अब दबाया नहीं जा सकता है। मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हम किसी बुलडोजर को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।

रजा ने जुमे की नमाज के बाद गिरफ्तारी का ऐलान किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है। हम सब की जिम्मेदारी है कि अपनी इबादतगाहों को बचाए रखने के लिए संविधान में दिए अधिकार के साथ हम शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराएं। मौलाना रजा ने कहा कि हमसे बोलने का अधिकार छीना जा रहा है। जुल्म को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की स्थिति हम नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जब कुछ नहीं कर सकते तो ऐसी आजादी से बेहतर जेल जाना है।

हल्द्वानी हिंसा पर दिया विवादित बयान

दरअसल, बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे और नमाज स्थल को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया। इस दौरान मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मैजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान मलिक के बगीचे के आसपास रहने वाले तमाम कथित अराजक तत्वों ने पुलिस और प्रशासन के ऊपर पथराव कर दिया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान वहां मौजूद कई पत्रकारों को भी चोटें आयीं। अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया।

साभार : नवभारत टाइम्स

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

हर तरह के जिहाद से उत्तराखंड को करेंगे मुक्त : पुष्कर सिंह धामी

देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य के धार्मिक …