नई दिल्ली. टीम इंडिया ने जैसे ही धर्मशाला में इंग्लैंड को पांचवें टेस्ट मैच में पारी और 64 रनों से मात दी उसके कुछ ही देर बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने एक बड़ा फैसला किया है. जय शाह ने बताया है कि बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए टेस्ट क्रिकेट इनसेंटिव स्कीम लॉन्च की है. इसी स्कीम के तहत भारतीय खिलाड़ियों को टेस्ट खेलने के लिए मिलने वाली फीस में गजब का इजाफा हुआ है. इसके तहत एक सीजन 75 प्रतिशत मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 45 लाख रुपये प्रति मैच दिए जाएंगे. वहीं जो खिलाड़ी प्लेइंग-11 में नहीं होगा उसे 22.5 लाख रुपये मिलेंगे.
भारत ने इंग्लैंड को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से मात दी है. ये जीत तब आई जब भारत को पहले टेस्ट मैच में हार मिली थी. सीरीज में भारत के कई शीर्ष खिलाड़ी भी नहीं थे. इसके बाद बीसीसीआई ने जो फैसला किया है उससे निश्चित तौर पर खिलाड़ियों को काफी खुशी मिली होगी.
ये है स्कीम
इस स्कीम के मुताबिक जो खिलाड़ी एक सीजन में टीम के कुल टेस्ट मैचों के 75 प्रतिशत मैचों में प्लेइंग-11 में शामिल रहेंगे उन्हें कुल फीस 45 लाख प्रति मैच मिलेगी. वहीं 75 फीसदी मैचों में टीम का हिस्सा मात्र रहने वाले खिलाड़ियों को हर मैच के 22.5 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं 50 फीसदी मैचों में प्लेइंग-11 का हिस्सा रहने वाले खिलाड़ियों को कुल 30 लाख रुपये प्रति मैच मिलेंगे जबकि इतने ही मैचों में टीम का हिस्सा रहने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख प्रति मैच मिलेंगे. इससे कम पर ये स्कीम लागू नहीं होगी. उन्हें जो इस समय की मैच फीस है वह मिलेगी. इस समय प्लेइंग-11 का हिस्सा रहने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 15 लाख रुपये मिलते हैं. इसे और सरल तरीके से समझाते हुए बीसीसीआई ने बताया कि अगर एक सीजन में टीम इंडिया कुल 9 मैच खेलती है तो इन मैचों के 75 प्रतिशत मैचों की संख्या 7 होगी और इन मैचों में प्लेइंग-11 में शामिल किए जाने वाले खिलाड़ियों को 45 लाख मिलेंगे. वहीं जो खिलाड़ी प्लेइंग-11 में नहीं होगें उन्हें 22.5 लाख रुपये मिलेंगे.
वहीं नौ मैचों में से 50 प्रतिशत मैचों यानी 5-6 मैचों में अगर कोई खिलाड़ी टीम इंडिया की प्लेइंग-11 का हिस्सा रहता हो तो उसे 30 लाख प्रति मैच और जो खिलाड़ी सिर्फ टीम में शामिल हो उसे 15 लाख प्रति मैच मिलेंगे. इससे कम वालों को पुरानी फीस ही मिलेगी. जय शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि ये स्कीम 2022-23 से शुरू हो गई है.
ये है वजह
हाल ही में देखा गया था कि कुछ खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट को पूरी तरह से नजरअंदाज किया और आईपीएल की तैयारी में जुट गए क्योंकि आईपीएल में जमकर पैसा मिलता है. बीसीसीआई ने शायद इसी चीज को काउंटर करने के लिए ये स्कीम लॉन्च की है. कुछ दिनों पहले मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि बीसीसीआई घरेलू टूर्नामेंट्स की मैच फीस को बढ़ाने पर जोर दे रही है ताकि इन टूर्नामेंट की अनदेखी न की जा सके.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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