इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ पार्टी (PTI) के नेता इमरान खान जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई की मांग करते हुए पाकिस्तान में समर्थकों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया और उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसकी पीटीआई ने आलोचना की है। वहीं पीटीआई नेता और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य मंत्री अली अमीन गंडापुर ने आर पार की लड़ाई का ऐलान किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दो हफ्ते में इमरान खान की कानूनी तौर पर रिहाई नहीं हुई तो वह खुद अपने हिसाब से उन्हें आजाद करेंगे।
गंडापुर अपने भाषण के दौरान भीड़ को भड़काते हुए दिखे। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानियों सुन लो, एक से दो हफ्ते में इमरान खान कानूनी तौर पर रिहा न हुआ तो खुदा की कसम हम इमरान खान को खुद ही रिहा करेंगे।’ उनके इतना कहने पर भीड़ ने शोर करते हुए समर्थन जताया। इसके बाद उन्होंने पूछा तैयार हो? गंडापुर ने कहा, ‘हक के लिए तैयार हो? मैं आपको लीड करूंगा। पहली गोली मैं खाउंगा। पीछे मत हटना। अगर अब हम पीछे हटे तो न दोबारा ऐसा मौका मिलेगा और न दोबारा ऐसा लीडर मिलेगा।’
400 दिनों से जेल में बंद हैं इमरान
इस्लामाबाद जिला प्रशासन ने रैली के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी किया जिसके बाद उपनगरीय इलाके संगजानी कैटल मार्केट के पास एक मैदान में रैली हुई। हजारों की संख्या में पीटीआई समर्थकों ने रैली में भाग लिया। इससे यह साबित हो गया कि पार्टी के 71 वर्षीय संस्थापक खान को कैद किए जाने समेत तमाम बाधाओं के बावजूद पार्टी का आधार बरकरार है। इमरान को पिछले साल पांच अगस्त को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। तब से वह अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं। इमरान को जेल में बंद हुए 400 दिन पूरे हो गए हैं।
पुलिस पर किया पथराव
एनओसी के अनुसार, रैली शाम सात बजे (स्थानीय समयानुसार) समाप्त होनी थी। समयसीमा समाप्त होते ही जिला प्रशासन ने एनओसी का पालन न करने के कारण पुलिस को रैली में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। प्राधिकारियों ने कहा कि आयोजकों ने समयसीमा से पहले समारोह समाप्त न करके नियमों का उल्लंघन किया। इस कार्रवाई के जवाब में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शोएब खान सहित कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुग्लेमैन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘सरकार ने सड़क अवरोधों और कंटेनरों के माध्यम से पीटीआई की रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित करने की रणनीति बनाई थी और हिंसक दमन एवं गिरफ्तारी के जोखिम के बावजूद रैली में भारी भीड़ उमड़ी। भीड़ की संख्या और पार्टी की लोकप्रियता सुनिश्चित करती है कि इसे रोकने के अथक प्रयासों के बावजूद लोगों को लामबंद करने की इसकी क्षमता बरकरार है।’
पूरे देश में रैली करेगी पीटीआई
पीटीआई के कई नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए खान की तत्काल रिहाई की मांग की। ‘नेशनल असेंबली’ में पीटीआई के नेता उमर अयूब खान ने कहा कि पार्टी तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक खान की रिहाई नहीं हो जाती। उन्होंने कहा, ‘हम इमरान खान के सिपाही हैं और जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता, हम चुप नहीं बैठेंगे।’ उन्होंने कहा कि जल्द ही खान अपने समर्थकों के साथ होंगे। उन्होंने रैली में भाग लेने वालों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए सड़कों पर अवरोधक लगाए जाने की निंदा की और घोषणा की कि पीटीआई अब पूरे देश में रैलियां आयोजित करेगी।
पीटीआई की आठ फरवरी को हुए चुनाव के बाद इस्लामाबाद में यह पहली बड़ी रैली थी। पार्टी सरकार पर इमरान को रिहा करने का दबाव डालना चाहती है, जो अदालतों द्वारा उन सभी मामलों में जमानत दिए जाने या बरी किए जाने के बावजूद जेल में हैं, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया था। पीटीआई के अध्यक्ष गौहर अली खान ने कहा कि सरकार ने शहर को पिंजरे में बदल दिया, लेकिन फिर भी हजारों लोग रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि इमरान खान एक नेता हैं और हमेशा एक नेता रहेंगे।’
साभार : नवभारत टाइम्स
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