नई दिल्ली. सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
केंद्र ने सोमवार (11 मार्च) को CAA का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने CAA पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 और सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 के विवादित प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि वे राज्य में ये कानून लागू नहीं करेंगे।
आवेदन कैसे कर सकेंगे
CAA के तहत नागरिकता के लिए https://indiancitizenshiponline.nic.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें आवेदक को बताना होगा कि वे किस साल भारत आए थे। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे।
4 साल, 8 एक्सटेंशन बाद लागू हुआ CAA
संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। 6 महीने के भीतर नियम बनाकर इसे लागू करना था, लेकिन सरकार ने 4 साल और 8 एक्सटेंशन के बाद 11 मार्च 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया।
हालांकि, सरकार ने 2022 से नौ राज्यों के 31 जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत 3 देशों से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की अनुमति दी थी।
इनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं। गृह मंत्रालय की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2021 में कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई थी।
साभार : दैनिक भास्कर
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