लखनऊ. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. राम मंदिर का विधिवित उद्घाटन 22 जनवरी को हुआ था. प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही भगवान रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (CM Pema Khandu ) ने कैबिनेट सहयोगियों के साथ राम मंदिर का दर्शन किया था. गुरुवार (15 फरवरी) को गोवा (Goa) कैबिनेट राम नगरी अयोध्या पहुंची. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (CM Pramod Sawant) सहित कैबिनेट ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई. 2 घंटे विलंब से पहुंची गोवा कैबिनेट का महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया.
रामलला के दरबार में गोवा सरकार
गोवा कैबिनेट की अगवानी यूपी के मंत्री सतीश चंद्र शर्मा और अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने की. एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद माहौल नारों से गुंजयमान हो गया. मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट ने जय श्री राम के उद्घोष किए. पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा के राम भक्तों को बड़ी सौगात दे दी. उन्होंने कहा कि अयोध्या का नाम मुख्यमंत्री देव दर्शन योजना में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री देव दर्शन योजना के तहत गोवा सरकार रामलला का दर्शन मुफ्त कराएगी.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने की घोषणा
अयोध्या में गोवा भवन बनाने के लिए उन्होंने यूपी सरकार से जमीन देने की मांग की. उन्होंने कहा कि गोवा से अयोध्या आनेवाले राम भक्तों को भवन में ठहरने की व्यवस्था होगी. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रामलला का दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय गोवा का पूरा माहौल राममय हो गया था. उन्होंने राम मंदिर के दर्शन पर खुशी जताई. गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या की पवित्र भूमि पर आने का मौका मिला.
देव दर्शन योजना में अयोध्या का नाम
22 जनवरी को गोवा का हर गांव राममय हो गया था. हर मंदिर में राम की पूजा हो रही थी. सुबह में राम पूजन और शाम को दीपोत्सव का आयोजन किया गया. सभी धर्म के लोगों ने रामलला का उत्सव मनाया. उन्होंने राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा की पूरी पूरी कैबिनेट अयोध्या आई है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत आभार व्यक्त करता हूं कि अयोध्या आने और रामलला के दर्शन करने का मौका दिया.
साभार : एबीपी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं