रायपुर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मंगलवार को जवानों की नक्सलियों के साथ बड़ी मुठभेड़ हुई है, जिसमें जवानों ने 18 नक्सलियों को मार गिराया है. सभी नक्सलियों की बॉडी को भी रिकवर कर लिया गया है. हालांकि इस मुठभेड़ में 3 जवान भी घायल हुए हैं, जिसमें एक इंस्पेक्टर को पैर में गोली लगी है. नक्सलियों को इस मुठभेड़ में बड़ा नुकसान पहुंचा है. जवानों ने घटनास्थल से नक्सलियों के 4 ऑटोमेटिक हथियार AK-47 और 2 LMG समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामान भी बरामद किया है.
कांकेर जिले में नक्सलियों के साथ यह इस साल की सबसे बड़ी मुठभेड़ है, जिसमें 18 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने की है. जानकारी के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली डीवीसी कमांडर शंकर राव, डीवीसी सदस्य ललिता और डीवीसी सदस्य माधवी के मारे की जाने की संभावना आईजी ने जताई है. साथ ही और भी बड़े नक्सली लीडर इस मुठभेड़ में मारे गए हैं. आईजी ने बताया कि यह मुठभेड़ कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिनागुंडा और कोरोनार के बीच हापाटोला इलाके में हुई है. जवानों का दल अभी घटना स्थल से लौटा नहीं है. आईजी ने कहा कि जवानों के वापस आने के बाद घटना की पूरी जानकारी मिल पाएगी. आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने कहा कि छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों मुठभेड़ चल रही है.
दंतेवाड़ा जिले में कल 26 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया था
दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को 26 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया है. इसमें 1 लाख रुपये के इनामी नक्सली भी शामिल रहे. इन नक्सलियों ने जिले में बढ़ते नक्सल विरोधी अभियान और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्रा टू अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया.
बस्तर सीट पर 19 अप्रैल को मतदान, शांतिपूर्ण चुनाव कराना बनी चुनौती
छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. यह सीट नक्सल प्रभावित होने की वजह से यहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराना पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ पिछले साढ़े 3 महीनों से चलाए जा रहे नयी रणनीति के तहत एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी संगठन की कमर टूटी है और अब लगातार स्थानीय नक्सली संगठन छोड़ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर रहे हैं.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान को लेकर क्या है तैयारी?
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से मतदान दलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में बनाए गए मतदान केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही पहुंचविहीन इलाके में जवानों को पहुंचाने का काम हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया जाएगा. हालांकि सुरक्षागत कारणों से आईजी ने यह नहीं बताया कि बस्तर लोकसभा के किन इलाकों में हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि मतदान दल की सुरक्षा और जवानों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस बार घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में बने मतदान केंद्रों और इलाक़ो में हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी.
साभार : एबीपी न्यूज
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