बुधवार, नवंबर 06 2024 | 01:22:38 AM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / दिल्ली-एनसीआर के ऑटो टैक्सी संगठनों ने किया दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान

दिल्ली-एनसीआर के ऑटो टैक्सी संगठनों ने किया दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान

Follow us on:

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में 2 दिन बाद यानि गुरुवार औऱ शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में अगर आप घूमने या फिर किसी काम से निकलो तो पूरी तैयारी के साथ निकले। बता दें कि ऑटो टैक्सी चालकों की हड़ताल आपको परेशानी में डाल सकती है। गंतव्य तक जाने में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

2 दिन की हड़ताल का ऐलान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 22 और 23 अगस्त को दिल्ली (NCR) के ऑटो टैक्सी चलाने वालो ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इस दौरान 2दिनों तक लगभग 4 लाख परिवहन वाहनों के सड़कों पर न उतरने की उम्मीद है। जिसमें ऑटो, टैक्सी और ऐप आधारित कैब सेवा भी प्रभावित देखने को मिलेगी। बता दें कि ऑटो,टैक्सी चालकों की हड़ताल से 2 दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी की परिवहन व्यवस्था काफी खराब हो सकती है। दिल्ली (NCR) के 15 से ज्यादा प्रमुख ऑटो, टैक्सी चालकों ने 2 दिवसीय संयुक्त हड़ताल का ऐलान किया है।

बता दें कि ऑटो,टैक्सी चालकों की हड़ताल से 2 दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी की परिवहन व्यवस्था काफी खराब हो सकती है। दिल्ली (NCR) के 15 से ज्यादा प्रमुख ऑटो, टैक्सी चालकों ने 2 दिवसीय संयुक्त हड़ताल का ऐलान किया है आशंका है कि 1 लाख ऑटो और 4 लाख टैक्सियां जिनमें 1 लाख से ज्यादा कैब हैं, ये सब बंद रहेंगे। अधिक कैब हैं, हड़ताल करने वाले संगठनों ने आरोप लगाया है कि एक तरफ जहां ऐप आधारित कैब सेवा से ऑटो टैक्सी चालकों को काफी नुकसान हो रहा है। वहीं, कैब चालकों का ऐप कंपनियां शोषण कर रही हैं उनसे काफी मोटा कमीशन वसूल रही है।

ऐप कंपनियां शोषण कर रही है

आशंका है कि 1 लाख ऑटो और 4 लाख टैक्सियां जिनमें 1 लाख से ज्यादा कैब हैं, ये सब बंद रहेंगे। अधिक कैब हैं, हड़ताल करने वाले संगठनों ने आरोप लगाया है कि एक तरफ जहां ऐप आधारित कैब सेवा से ऑटो टैक्सी चालकों को काफी नुकसान हो रहा है। वहीं, कैब चालकों का ऐप कंपनियां शोषण कर रही हैं उनसे काफी मोटा कमीशन वसूल रही है। बता दें कि इसी तरह, टैक्सी ,बाइक ई-रिक्शा से भी उनके रोजगार को अधिक नुकसान हो रहा है। उनका अनुसार केंद्र सरकार और राज्य की सरकार इस मनमानी पर कोई रोक थाम नहीं लगा रही है। इसलिए चालकों के हित में उन्हें हड़ताल करनी पड़ेगी।

साभार : इंडिया न्यूज़

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

रोहिणी धमाके का खुलासा करने के लिए पुलिस ने टेलीग्राम से मांगी डिटेल

नई दिल्ली. दिल्ली के रोहिणी में ब्लास्ट के बाद देर रात पाकिस्तान से चलने वाले …