मॉस्को. रूस ने 2022 के आक्रमण के बाद से यूक्रेन पर जवाबी हमला करते हुए अपने दक्षिणी अस्त्राखान क्षेत्र से एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागी है। इस हमले की पुष्टि खुद यूक्रेन ने की है। यूक्रेनी वायु सेना ने गुरुवार को कहा कि मिसाइल को गुरुवार सुबह देश के मध्य-पूर्व में द्निप्रो शहर को निशाना बनाकर दागा गया। रूसी हमले ने मध्य-पूर्वी शहर द्निप्रो में उद्यमों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। यूक्रेनी वायु सेना के बयान से यह स्पष्ट नहीं है कि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ने किसको निशाना बनाया और क्या इससे कोई नुकसान हुआ। हालांकि, पश्चिमी देशों ने कहा है कि जिस मिसाइल से यूक्रेन पर हमला हुआ वह आईसीबीएम नहीं थी।
पहली बार रूस ने ICBM का किया इस्तेमाल?
यह पहली बार है जब रूस ने युद्ध के दौरान इतनी शक्तिशाली, लंबी दूरी की मिसाइल का इस्तेमाल किया है। यह हमला यूक्रेन द्वारा युद्ध के बाद पहली बार रूस के अंदर लक्ष्यों पर ब्रिटिश-फ्रांसीसी निर्मित स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को दागने के एक दिन बाद हुआ है। मॉस्को ने महीनों पहले चेतावनी दी थी कि इस तरह के हमले को एक बड़ी वृद्धि के रूप में देखा जाएगा। 19 नवंबर को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण को 1000 दिन पूरे हुए थे, लेकिन संघर्ष के कम होने के कोई संकेत नहीं हैं।
अमेरिका का शह पाकर गदगद हैं जेलेंस्की
इस सप्ताह, अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने यूक्रेन के लिए एटीएसीएमएस नाम वाली उन मिसाइलों के उपयोग पर से प्रतिबंध हटा दिया जिनकी आपूर्ति अमेरिका ने की थी। एटीएसीएमएस की मारक क्षमता लगभग 300 किलोमीटर है। इससे पहले, अमेरिका ने यूक्रेन से कहा था कि वह इनका उपयोग केवल यूक्रेनी क्षेत्र में रूसी बलों के खिलाफ करे। यह यूक्रेन के लिए बहुत बड़ी निराशा का कारण रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि वह रूस के अंदर उन ठिकानों के खिलाफ उनका उपयोग नहीं कर सकता जहां से यूक्रेनी शहरों पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए हैं।
रूसी हमलों ने यूक्रेन में मचाई तबाही
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अक्टूबर में यूक्रेन पर रूस के हमलों में 183 नागरिक मारे गए और 903 अन्य घायल हो गए। रूस अगस्त में एक साहसिक हमले में यूक्रेन द्वारा कब्जाए गए 500 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को पुनः प्राप्त करना चाहता है। पश्चिमी एजेंसियों का मानना है कि रूसी पक्ष में शामिल 50,000 सैनिकों में कई हजार उत्तर कोरियाई सैनिक शामिल हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स
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