नई दिल्ली. इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप इस समय पूरी दुनिया में प्रयोग किया जाने वाला सबसे बड़ा ऐप है. 26 अप्रैल को एक मुक़दमे की सुनवाई के दौरान व्हाट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि यदि उसे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा. व्हाट्सऐप ने कोर्ट में यह धमकी इसलिए दी क्योंकि वो भारत के सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 का पालन नहीं करना चाहता.
कुछ भी तय करने से पहले ये जानना जरुरी है कि आखिर इस नियम के पालन करने से होगा क्या? इसका विरोध क्यों किया जा रहा है? व्हाट्सऐप का दावा है कि उसका End-To-End Encryption फीचर, यूजर्स की प्राइवेसी सिक्योर रखने का काम करता है. व्हाट्सऐप जिसे अपनी विशेषता बता रहा है, वही फीचर विवाद का मुख्य कारण है. इस फीचर के नियम के कारण भारत सरकार भी यह नहीं जान सकती कि यह व्हाट्सऐप पर भेजे गए संदेशों में क्या लिखा है. इसके आलावा भारत सरकार यह भी चाहती है कि यदि कोई संदेश फॉरवर्ड किया गया है, तो उसे किस-किस व्यक्ति ने फॉरवर्ड किया है.
सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 के कारण व्हाट्सऐप को भारत सरकार को यह सब जानकारी देनी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत विरोधी गतिविधि को अंजाम देने वाले लोग तथा संगठनों के लिए End-To-End Encryption फीचर एक वरदान साबित होता है. वो अपनी बातें और जानकारी गुप्त रखने के लिए इस सुविधा का लाभ उठाते हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इन संदेशों को पकड़ कर समय रहते उचित कार्रवाई करने में बहुत दिक्कत होती है. यही कारण है कि भारत सरकार व्हाट्सऐप को कोई राहत नहीं देना चाहती.