काबुल. अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से ही तालिबान शरिया कानून लागू कर रहा है। इस दौरान तालिबान ने महिलाओं के लिए नया फरमान जारी किया है। जिसमें महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर गाने या पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही चेहरा समेत पूरा शरीर ढकना भी शामिल है। न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी अब्दुल गफ्फार फारूक ने बताया कि इन नियमों को तालिबान के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता ने 2022 में आदेश जारी कर लागू किया था। हालांकि, अब इन्हें आधिकारिक रूप से कानून के तौर पर प्रकाशित कर दिया गया है। वहीं, कई विदेशी सरकारें महिलाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर तालिबान के प्रतिबंधों की तीखी आलोचना कर रही हैं।
जानिए नियम न मानने पर क्या है सजा?
न्याय मंत्रालय ने कहा कि नए कानून में कई प्रतिबंध हैं। इसमें महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर गाने या ऊंची आवाज में पढ़ने पर भी प्रतिबंध है। महिलाओं को उन पुरुषों की ओर देखने पर भी रोक है। जिनसे उनका कोई रक्त संबंध या विवाह नहीं है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर सजा में सलाह, चेतावनी, संपत्ति जब्त करना, 1 घंटे से 3 दिन तक सार्वजनिक जेल में हिरासत में रखना और उचित समझी जाने वाली कोई भी अन्य सजा शामिल है। इसके अलावा अगर कोई फिर भी नहीं सुधरता है तो उस व्यक्ति को कोर्ट ले जाया जाएगा।
जानिए क्या तालिबान का नया फरमान?
दरअसल, तालिबान द्वारा जारी नए कानून का अनुच्छेद 13 महिलाओं से संबंधित है। जिसमें कहा गया है कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हर समय अपना शरीर ढकना जरूरी है। इसके साथ ही दूसरों को लुभाने और लालच देने से बचने के लिए भी चेहरा ढकना जरूरी है। आदेश में साफ लिखा है कि महिला के कपड़े पतले, टाइट या छोटे नहीं होने चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को गैर मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं के सामने खुद को ढकने की सलाह दी गई है।
साभार : इंडिया न्यूज़
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