लखनऊ. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकियों के मददगारों की तलाश में एनआईए और पुलिस ने पीलीभीत व लखीमपुर खीरी में कई जगह छापे मारे हैं। आतंकियों के लिए होटल का किराया कम कराने वाले आईलेट संचालक समेत कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इधर, होटल हरजी में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड लगाने के मामले में पुलिस ने तीनों आतंकियों और दो मददगारों पर केस दर्ज किया है। साथ ही होटल का कमरा नंबर 105 सील कर दिया है।
बृहस्पतिवार तड़के एनआईए और पुलिस की टीम ने लखीमपुर जिले के निघासन क्षेत्र के खड़रिया फार्म में पहुंचकर आतंकी गुरविंदर की बुआ परमजीत कौर से पूछताछ की। टीम यहां एक घंटे से अधिक समय तक रुकी। गुरविंदर कब उनके घर आया, कितने दिन रुका था और घटना से पहले आया या नहीं, इससे जुड़े सवाल किए गए। एनआईए ने परमजीत से घर वालों व कुछ रिश्तेदारों के करीब दस मोबाइल नंबर भी लिए। पुलिस ने खीरी के साथ पूरनपुर और आसपास के इलाकों में भी छापे मारे।
23 दिसंबर को हुई थी मुठभेड़
पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर थाने की बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद आतंकी वरिंदर सिंह उर्फ रवि, जसनप्रीत उर्फ प्रताप सिंह, गुरविंदर सिंह पूरनपुर पहुंचे थे। 20 से 21 दिसंबर के बीच तीनों हरजी होटल में ही रुके थे। 23 दिसंबर को तड़के पुलिस मुठभेड़ में तीनों मारे गए थे।
आतंकियों की मदद के लिए इंग्लैंड से आई थी कॉल
सूत्रों के अनुसार तीनों आतंकियों की मदद के लिए स्थानीय मददगारों के पास इंग्लैंड से फोन आया था। इसका खुलासा पुलिस पूछताछ में गजरौला के जप्ती गांव निवासी जसपाल सनी ने किया है। जसपाल ने बताया कि हरियाणा के जींद का निवासी सिद्धू इंग्लैंड में रहता है। वह पूर्व में पूरनपुर आया था और तभी उससे उनकी पहचान हुई थी। उसी ने आतंकियों को ठहराने आदि का प्रबंध करने के लिए कहा था। बलिया के पते पर बने फर्जी आधार कार्ड भी व्हाट्सएप किए थे।
रडार पर गजरौला के दो युवक
पुलिस ने गांव गजरौला जप्ती निवासी दो युवकों को बुधवार रात ही हिरासत में ले लिया था। ये आतंकियों के साथ होटल के सीसीटीवी फुटेज में देखे गए थे। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड से कमरा लेने सहित अन्य धाराओं में तीनों आतंकियों समेत पांच लोगों पर केस दर्ज किया है। माना जा रहा है कि जो दो अज्ञात हैं, वे यही दोनों हैं। इधर, पूछताछ के बाद पुलिस ने बुधवार देररात होटल हरजी के मैनेजर को छोड़ दिया।
कितने मददगार… कड़ी से कड़ी जोड़ रहीं एजेंसियां
पूरनपुर पहुंचने से पहले ही आतंकियों के लिए जिले में सभी बंदोबस्त होने की बात सामने आने पर माना जा रहा है कि जिले में उनके स्थानीय मददगारों का मजबूत नेटवर्क था। होटल में किराया कम कराने के लिए फोन तक किया गया। होटल से निकलकर आतंकी 30 घंटे तक पूरनपुर क्षेत्र में ही रहे या फिर लखीमपुर किसी मददगार के पास गए? पुलिस और एनआईए इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है। कड़ी से कड़ी जोड़कर स्थानीय संपर्क तलाशे जा रहे हैं।
साभार : अमर उजाला
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