काठमांडू. पुलिस ने बताया कि नेपाल में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या रविवार को 125 हो गई। शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हैं, देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों के अनुसार, बाढ़, भूस्खलन और बाढ़ में 64 लोग लापता हैं, जबकि 61 लोग घायल हुए हैं। काठमांडू घाटी में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इस भीषण बाढ़ में कम से कम 322 घर और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए है। सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने करीब 3,626 लोगों को बचाया है। सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान अभी भी जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने 40-45 सालों में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ कभी नहीं देखी। सशस्त्र पुलिस बल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, इस विनाशाकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या 125 हो गई है।
काठमांडू की सीमा से लगे धाडिंग जिले में भूस्खलन में एक बस के दब जाने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। भक्तपुर शहर में भूस्खलन के कारण एक घर ढह जाने से पांच लोगों की मौत हो गई। मकवानपुर में ऑल नेपाल फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केंद्र भूस्खलन की चपेट में आ गया। जिसमें छह फुटबॉल खिलाड़ी भी मारे गए। अन्य लोग बाढ़ के पानी में बह गए। नेपाल पुलिस के उप-प्रवक्ता बिश्वो अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश के कारण हिमालय क्षेत्र में 66 लोगों ने अपनी जान गंवाई। काठमांडू घाटी में 34 लोगों की मौत हो गी। बाढ़ के कारण 60 लोग घायल हो गए। देशभर में 79 लोग अभी भी लापता हैं। तीन हजार लोगों को बचाया भी जा चुका है। बिश्वो अधिकारी ने बताया कि 63 इलाकों के मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध कर दिए गए हैं। कार्यवाहक प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह ने आपातकालीन बैठक बुलाई।
नेपाल सरकार ने अगले तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए। भारी बारिश और बाढ़ के कारण काठमांडू में बिजली कटौती के कारण लोग अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं। पुलिस ने बताया कि काठमांडू में 226 घर जलमग्न हो गए। प्रभावित इलाकों में 3000 बचाव कर्मियों को भेजा गया है।
साभार : अमर उजाला
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