मुंबई. महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शनिवार को उनके पैतृक गांव सतारा में अचानक तबीयत खराब हो गई. बताया जा रहा है कि उनको ठंड की वजह से बुखार आ गया है. उनकी जांच के लिए माहिर डॉक्टरों की एक टीम गांव पहुंची है. डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है. परिवार के डॉ. पार्टे ने बताया कि शिंदे अब बेहतर हैं. उन्हें 99 डिग्री बुखार था और उन्हें सलाइन दी गई थी. डॉक्टर ने कहा कि यह वायरल संक्रमण है, इसलिए उन्हें थोड़ी खांसी और जुकाम है.
अचानक पहुंच गए थे पैतृक गांव
अपने पैतृक गांव पहुंचने से पहले कार्यवाहर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अचानक मुंबई में अपनी सभी बैठकें रद्द कर दीं और गांव चले गए, जिससे महायुति सरकार में उनकी अगली भूमिका को लेकर सस्पेंस गहरा गया. महायुति बैठक से पहले दिल्ली में एकनाथ शिंदे ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. एकनाथ शिंदे सीधे मुंबई से अमित शाह के कृष्ण मेनन मार्ग पर मौजूद आवास पर पहुंचे. जहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले से मौजूद थे. शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह राज्य में सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित की तरफ से लिए गए हर फैसला का सम्मान करेंगे.
मोदी-शाह का हर फैसला मंजूर
शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह अगले सीएम के नाम के बीजेपी नेतृत्व के फैसले का ‘पूरी तरह से समर्थन’ करेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेंगे. उनकी घोषणा ने बीजेपी के लिए तीसरी बार देवेंद्र फडणवीस को सीएम के रूप में नामित करने का रास्ता साफ कर दिया. ठाणे में अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा,’मैंने कल पीएम मोदी और अमित शाह को फोन किया और उनसे (सीएम पद कौन होगा) फैसला करने के लिए कहा. साथ ही उन्हें यकीन दिलाया कि वे जो भी फैसला लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा.’
मैं नाराज नहीं हूं: एकनाथ शिंदे
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से निराश हैं कि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिल रहा है? जवाब में शिंदे ने कहा,’ऐसी कोई बात नहीं है. आपको याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने सीएम के रूप में मेरे कार्यकाल का समर्थन किया था.’
चुनाव में महायुति का सफाया
याद रहे कि लोकसभा चुनावों में मिली कम सीटों से उबरते हुए भाजपा ने महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों में 132 पर जीत दर्ज की है, जो महायुति की अन्य पार्टियों में सबसे ज्यादा है. शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
कैसा रहा MVA का प्रदर्शन?
वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) उम्मीद से बड़ा झटका लगा. इस पुरानी पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनावों में अपना सबसे खराब प्रदर्शन दर्ज किया. शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने सिर्फ 10 सीटें जीतीं, जबकि उद्धव ठाकरे की (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं. जबकि कांग्रेस के खाते में भी सिर्फ 16 सीटें ही आईं.
साभार : जी न्यूज
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