बीजिंग. भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन के सुर अब नरम पड़ते जा रहे हैं. चीन ने सीमा विवाद को बातचीत के जरिये से सुलझाने की बात कही है. चीनी विदेश मंत्री माओ निंग ने कहा कि सीमा विवाद जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है. उन्होंने कहा कि बीजिंग परिसीमन पर चर्चा करने के लिए तैयार है. चीन ने सीमा को तय करने और सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने पर चर्चा करने की इच्छा जताई. चीन का ये बयान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून के साथ बैठक के दौरान की गई टिप्पणियों के जवाब में आया है.
चीन के साथ आपसी बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव दिया कि भारत और चीन एक संरचित रोडमैप के तहत जटिल मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करें. उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए कदम उठाने और सीमा का सीमांकन करने के लिए मौजूदा तंत्र को फिर से सक्रिय करने की अपील की है. राजनाथ सिंह के बयान पर कमेंट करने के लिए कहे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों ने पहले ही विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र कायम कर लिया है और सीमा समझौते के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति जाहिर की है. माओ ने एसआर स्तर की 23 दौर की वार्ता के बावजूद इस मुद्दे को सुलझाने में हो रही साफ देरी के बारे में बीजिंग में मीडिया से कहा कि सीमा का सवाल जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है.
माओ ने लगातार बातचीत के लिए चीन की तत्परता दोहराते हुए कहा कि चीन भारत के साथ परिसीमन वार्ता और सीमा प्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर संवाद बनाए रखने, सीमावर्ती इलाकों में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने तथा सीमा पार आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच एसआर स्तर की 23वें दौर की बातचीत पिछले साल दिसंबर में हुई थी, जो पूर्वी लद्दाख में 2020 के सीमा तनाव के बाद पहली ऐसी वार्ता थी.
साभार : न्यूज18
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