शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 10:48:21 AM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तराखंड / उत्तराखंड भूस्खलन के कारण मरने वाले मजदूरों की संख्या बढ़कर 8 पहुंची

उत्तराखंड भूस्खलन के कारण मरने वाले मजदूरों की संख्या बढ़कर 8 पहुंची

Follow us on:

देहरादून. उत्तराखंड के चमोली में 28 फरवरी को आए एवलांच में फंसे 8 मजदूरों की मौत हो गई। इनमें 4 की रेस्क्यू के बाद इलाज के दौरान मौत हुई, जबकि रविवार को 4 शव निकाले गए। 46 मजदूरों का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। हादसे के दूसरे दिन शुक्रवार को 17 लोगों को निकाला गया था। शनिवार को 33 लोग निकाले गए थे। इन्हीं में से चार लोगों की मौत हुई थी। पहले लापता मजदूरों की संख्या 55 बताई गई थी, लेकिन शनिवार को पता चला कि एक मजदूर बिना बताए कैंप से अपने गांव चला गया था।हादसा चमोली के माणा गांव में 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे हुआ। मोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के मजदूर कंटेनर हाउस में रुके थे, तभी बर्फ का पहाड़ खिसक गया। सभी मजदूर इसकी चपेट में आ गए।

4 मजदूरों की हालत गंभीर

रेस्क्यू किए गए 46 मजदूरों को जोशीमठ के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो की हालात गंभीर होने के बाद ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया है।AIIMS के पीआरओ ने बताया कि आज एक और मरीज को एयरलिफ्ट करके यहां लाया गया है। उसे पेल्विक इंजरी है। कल स्पाइनल इंजरी के कारण एक मजदूर को लाया गया था। उसके पैर काम नहीं कर रहे हैं। टेस्ट रिपोर्ट ठीक रही तो आज उसकी सर्जरी की जाएगी। जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम 44 मजदूरों का इलाज कर रही है। मेजर अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि दो मजदूरों की हालत गंभीर है। हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं।

सबसे ज्यादा यूपी-बिहार और उत्तराखंड के मजदूर

54 मजदूरों में बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 11-11, हिमाचल प्रदेश के 6, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के 1-1 मजदूर हैं। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने रेस्क्यू किए गए मजदूरों से मुलाकात भी की थी। इससे पहले CM से प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत करके रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली थी। धामी ने बताया था कि PM ने हर संभव मदद का भरोसा दिया था।

साभार : दैनिक भास्कर

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

देहरादून. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (2 नवंबर, 2025) उत्तराखंड के हरिद्वार में पतंजलि …