जम्मू. श्रीनगर से एक दिन पहले अपने बटालियन मुख्यालय से लापता हुए बीएसएफ जवान का शुक्रवार को दिल्ली में पता चला। पंथाचौक स्थित 60वीं बटालियन के जवान सुगम चौधरी जब उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर जा रहा था तभी उसे बरामद किया गया। अधिकारियों ने बताया कि जवान गत 31 जुलाई की देर रात लापता हो गया। लापता होने की सूचना मिलने के बाद से उसकी तलाश की जा रही है।
बटालियन बीएसएफ की ‘सी’ कंपनी में कार्यरत 24 वर्षीय कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) सुगम चौधरी 31 जुलाई 2025 को लगभग शाम 5 बजे के बाद से ही पंथाचौक स्थित बटालियन मुख्यालय से बिना छुट्टी के अनुपस्थित पाया गया। जिसके बाद बटालियन में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। सूत्रों ने बताया कि जवान सुगम चौधरी के बिना अनुमति या सूचना दिए बिना कैंप छोड़ने की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आंतरिक जांच के आदेश दिए गए हैं। आंतरिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर ही उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चौधरी के अचानक से लापता हो जाने पर बीएसएफ जवानों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। कोई सुराग न मिलने पर स्थानीय पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। सुरक्षा बलों के अनुसार पिछले 100 दिनों में पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सहित 12 आतंकवादी मारे गए हैं। मारे गए आतंकवादियों में से छह की पहचान पाकिस्तानी आतंकवादियों के रूप में हुई है जबकि शेष छह स्थानीय रूप से भर्ती किए गए आतंकवादी थे जो हाल के आतंकवादी हमलों में शामिल थे। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के दौरान श्रीनगर के डाचीगाम इलाके में दो अन्य आतंकवादियों के साथ मारा गया था। इसके ठीक एक दिन बाद पुंछ सेक्टर में ऑपरेशन शिवशक्ति शुरू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दो और आतंकवादी मारे गए।
क्षेत्र में महीनों से चल रही कार्रवाई के तहत कई आतंकवादी गुर्गों और समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन अभियान के बीच कश्मीर घाटी में तैनात बीएसएफ जवान के अचानक से लापता हो जाने की वजह से बटालियन में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के कोतवाली देहात के सिखेरा गांव के मूल निवासी चौधरी, स्वर्गीय देवेंद्र कुमार के पुत्र हैं।अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जवान ने घर जाने के लिए छुट्टी की अर्जी थी, जिसके नमंजूर होने पर ही उसने बिना सूचना बटालियन से निकलने का निर्णय लिया।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
Matribhumisamachar


