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पीओके में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में 8 से अधिक की मौत

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मुजफ्फराबाद. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थानीय लोगों ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कई जगहों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़पें हुईं। शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी रेंजरों ने मुजफ्फराबाद और पोंजाक के अन्य हिस्सों में फायरिंग कर दी। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोग सेल्फ-रूल चार्टर ऑफ डिमांड्स की मांग कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन दिनों में आधे दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अभी भी लोगों को विरोध प्रदर्शन जारी है। पाकिस्तान की सेना और सरकार प्रदर्शनकारियों की आवाज को दबाना चाह रही है।

72 घंटे से पीओके में बवाल जारी

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पिछले 72 घंटों से हिंसा की आग में झुलस रहा है। शांति पूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तान जुर्म कर रहा है और लोगों पर फायरिंग कर रहा है। इसमें अब तक 3 दिनों में करीब 1 दर्जन लोग मारे जा चुके हैं। PoK में यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के नेतृत्व में हो रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया है। इन विरोध प्रदर्शनों में बाजारों, दुकानों और परिवहन सेवाओं का पूरी तरह से बंद रहना शामिल है।

मुजफ्फराबाद की ओर बढ़ रहा मार्च

पाकिस्तान जितना ही इस विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रहा है, लोग उतना ही ज्यादा पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ आक्रोशित होते जा रहे हैं। बुधवार को सुबह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की रोकथाम को हटाने के लिए पुलों पर रखे गए बड़े कंटेनरों को नदी में फेंक दिया। वीडियो में दर्जनों प्रदर्शनकारी मिलकर इन कंटेनरों को धकेलते दिखे। अब यह मार्च तेजी से मुजफ्फराबाद तक पहुंच चुका है।

पाक सेना और रेंजरों ने की फायरिंग

JAAC ने मुजफ्फराबाद में हुई मौतों के लिए पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा की गई गोलीबारी को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में मौतों के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर की गई भारी गोलाबारी को दोषी ठहराया है। प्रदर्शनकारियों की ‘लॉन्ग मार्च’ अब भी जारी है, जिसमें 38 प्रमुख मांगें रखी गई हैं। इसमें एक मांग PoK विधानसभा में पाक में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों को खत्म करने की है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह प्रतिनिधिक शासन को कमजोर करता है।

क्यों हो रहा आंदोलन

JAAC के नेता शौकत नवाज़ मीर ने कहा, “हमारा आंदोलन उन मौलिक अधिकारों के लिए है, जिनसे हमारे लोगों को पिछले 70 वर्षों से वंचित रखा गया है। या तो हमें अधिकार दो, या जनता के आक्रोश का सामना करो।” सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों के कारवां अवरोधकों को पार कर मुजफ्फराबाद पहुंच गए हैं। बड़ी भीड़ के दृश्य सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। इस बीच शौकत मीर ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हड़ताल ‘प्लान A’ है — यह एक संकेत है कि जनता का धैर्य अब समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि JAAC के पास और भी योजनाएं हैं, जिनमें एक कठोर ‘प्लान D’ शामिल है।

JAAC की अन्य मांगें

  • मृतकों के परिवार को आर्थिक मुआवज़ा और सरकारी नौकरी
  • दो मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजनों को जितनी राशि मिली, उतनी ही राशि नागरिकों के परिजनों को भी मिले
  • PoK और पाकिस्तान में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों की रिहाई
  • ISI समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए

लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन की योजना, इंटरनेट सेवाएं बंद

JAAC समर्थक समूह ‘Friends of Joint Awami Action Committee’ ने गुरुवार को लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन की योजना बनाई है। इस्लामाबाद ने प्रदर्शन को दबाने के लिए PoK में भारी सैन्य बल भेजा है। डॉन न्यूज के अनुसार, हथियारबंद सैनिकों ने PoK के शहरों में फ्लैग मार्च किया है। पंजाब से हजारों सैनिकों को स्थानांतरित किया गया है, और राजधानी इस्लामाबाद से अतिरिक्त 1,000 जवान भेजे गए हैं। इसके अलावा, सरकार ने PoK में इंटरनेट सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी है।

साभार : इंडिया टीवी

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