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भारत पाकिस्तान पर हमला करे, तो बांग्लादेश पूर्वोत्तर पर कब्जा कर ले : एएलएम फजलुर रहमान

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ढाका. भारत और पाकिस्तान में जंग की आशंका के बीच बांग्लादेश भी अब आंख दिखाने लगा है। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगर नई दिल्ली पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करता है तो ढाका को चीन की मदद से भारत के पूर्वोत्तर पर कब्जा कर लेना चाहिए। बांग्लादेश सेना के पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल (रि) एएलएम फजलुर रहमान ने सोशल मीडिया पोस्ट में यह टिप्पणी की है। फजलुर रहमान 2009 के बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) हत्याकांड की जांच कर रहे राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के अध्यक्ष हैं।

चीन के साथ सैन्य प्रणाली बनाने की कही बात

एक फेसबुक पोस्ट में रहमान ने कहा, ‘अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को पूर्वोत्तर के सात राज्यों पर कब्जा करना चाहिए। इस संबंध में मुझे लगता है कि चीन के साथ एक संयुक्त सैन्य प्रणाली पर चर्चा शुरू करना आवश्यक है।’ बांग्लादेश की तरफ से यह भड़काऊ टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। नियंत्रण रेखा पर पिछले कई दिनों से गोलीबारी चल रही है।

मोहम्मद यूनुस के नक्शे कदम पर

वहीं, बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के अगस्त 2024 में पतन के बाद नई दिल्ली और ढाका के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। ऐसे में रहमान की यह टिप्पणी आग में घी डालने वाली है। बांग्लादेशी अधिकारी की टिप्पणी इसलिए भी अहम है, क्योंकि कुछ समय पहले ही मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भी भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में टिप्पणी की थी।

पिछले महीने अपने बीजिंग दौरे के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर भारत को लैंडलॉक्ड (जमीन से घिरा) क्षेत्र बताया था और बांग्लादेश को इस पूरे क्षेत्र के लिए समुद्र का एकमात्र संरक्षक कहा था। बांग्लादेश को क्षेत्र के एकमात्र समुद्री प्रवेश द्वार के रूप में रेखांकित करते हुए उन्होंने चीन को बांग्लादेश के अंदर अपना रणनीतिक नेटवर्क बढ़ाने का आग्रह किया था। मोहम्मद यूनुस की टिप्पणी को नई दिल्ली के रणनीतिक हलकों में खतरनाक तौर पर देखा गया था। दबाव बढ़ने पर यूनुस के विशेष दूत ने बयान पर सफाई दी थी और कहा था कि बयान को गलत संदर्भ में देखा गया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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