रांची. धार्मिक आस्था और पारिवारिक एकता का उदाहरण पेश करते हुए झारखण्ड के हजारीबाग़ के चौपारण प्रखंड के मध्यगोपाली गांव निवासी अहमद अंसारी ने अपने पूरे परिवार सहित हिंदू धर्म में पुनः वापसी की है। रविवार को वैदिक विधि-विधान के बीच आयोजित इस विशेष समारोह में स्थानीय ब्राह्मण संतोष पांडेय ने शुद्धिकरण और दीक्षा संस्कार संपन्न कराया। संस्कार के उपरांत अहमद अंसारी को उनका पुराना नाम ‘रामचंद्र भुइयाँ’ पुनः प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उनके परिवार के सदस्य-बेटी, दामाद और नाती-पोतों ने भी स्वेच्छा से दीक्षा ग्रहण की। कार्यक्रम के दौरान हवन, आरती और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूरा माहौल भक्ति और उल्लास से गूंज उठा। नवदीक्षित रामचंद्र भुइयाँ ने कहा, यह निर्णय हमने पूरी स्वेच्छा से लिया है। हिंदू धर्म की व्यापकता और भगवान राम-कृष्ण की भक्ति ने हमें प्रेरित किया। अब हम उसी मार्ग पर चलना चाहते हैं।
संतोष पांडेय ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह वैदिक परंपरा के अनुरूप की गई, जिसमें यज्ञोपवीत संस्कार और धर्म-आचरण के सिद्धांतों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर विहिप जिला गौरक्षा गौशाला संपर्क प्रमुख शेखर गुप्ता, प्रखंड अध्यक्ष संजय सिंह, प्रखंड मंत्री मुनेश्वर गुप्ता, मुखिया जानकी यादव, मोहन यादव, बैजनाथ साव, बिरजू साव, मिथुन गुप्ता, भारत सिंह, शत्रुघ्न सिंह, जुगल साव, बलराम यादव, राजेश भुइयाँ समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
गौरतलब है कि अहमद अंसारी पहले हिंदू धर्म से दूसरे मजहब में गए थे, और अब वर्षों बाद अपने पूर्वजों के धर्म में पुनः लौट आए हैं। स्थानीय लोगों ने इसे व्यक्तिगत आस्था का निर्णय बताते हुए इसे सामाजिक सौहार्द और धार्मिक स्वतंत्रता का प्रेरक उदाहरण कहा।
साभार : दैनिक जागरण
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