नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय 7 नवम्बर को आवारा कुत्तों के मामले में फैसला सुनाएगा। तीन न्यायाधीशों न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी.अंजारिया की विशेष खंडपीठ ने कहा कि अधिकतर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव पीठ के समक्ष उपस्थित रहे। इससे पहले, शीर्ष न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। 22 अगस्त के आदेश के बावजूद सर्वोच्च न्यायालय ने यह बताने का निर्देश दिया था कि अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ को आज बताया कि अधिकतर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस मामले में अपना अनुपालन हलफनामा दाखिल कर दिया है। न्यायालय ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को भी मामले में प्रतिवादी बनाया। साथ ही, कुत्तों के काटने के पीड़ितों की हस्तक्षेप याचिकाओं को भी स्वीकार कर लिया गया।
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