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रहस्यमयी ढंग से लापता हुई मलेशिया की MH370 फ्लाइट को खोजने के लिए 11 साल बाद फिर शुरू होगा प्रयास

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कुआलालंपुर. आज से करीब 11 साल पहले मलयेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से चीन के बीजिंग जा रही एक फ्लाइट- एमएच 370 उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद अचानक लापता हो गई थी। इस उड़ान के गायब होने का पूरा घटनाक्रम इतना रहस्यमयी था कि कई दिनों की खोज और जांच के बावजूद न तो इस विमान के गायब होने की आखिरी लोकेशन मिली और न ही इससे जुड़ा मलबा ही मिल पाया। तब कई महीनों तक चले राहत और बचाव अभियान बेकार साबित हुए थे और फ्लाइट में सवार सभी लोगों को मृत मानते हुए जांच रोक दी गई थी। हालांकि, अब एक बार फिर इस लापता विमान की खोज शुरू करने का फैसला किया गया है।

मलयेशिया के परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि 30 दिसंबर मलयेशिया एयरलाइन की फ्लाइट एमएच370 की खोज शुरू कर दी जाएगी। अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस खोज में उसकी मदद अमेरिका की एक रोबोटिक कंपनी ओशियन इन्फिनिटी करेगी। यह खोज समुद्र की गहराइयों में की जाएगी, ताकि विमान से जुड़े मलबे या किसी अवशेष को खोजा जा सके। यह खोज समुद्र के तल तक की जाएगी और करीब 50 दिन तक चलेगी। ओशियन इन्फिनिटी यह खोज अभियान एक तय क्षेत्र में चलाएगी, जहां एमएच 370 के मलबे के मिलने की सबसे ज्यादा संभावना है।
2014 में क्या हुआ था?
कुआलालंपुर से बीजिंग जा रही एमएच370 फ्लाइट में करीब 227 यात्री और 12 मलयेशियाई क्रू सदस्य शामिल थे। यह विमान 8 मार्च 2014 को उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के बाद एयर ट्रैफिक रडार से अचानक गायब हो गया और फिर इसका कोई सिग्नल नहीं मिला। मलयेशियाई सरकार ने इस फ्लाइट की खोज शुरू की, लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं मिली। बताया जाता है कि विमान को ट्रैक करने वाला इसका ट्रांसपॉन्डर बंद हो चुका था, जिसकी वजह से एटीसी को इसकी आखिरी लोकेशन का सही अंदाजा नहीं लग पाया। मलयेशिया में इस विमान की खोज को सबसे वृहद खोज अभियानों के तौर पर जाना जाता है।
फिर क्यों शुरू हो रही एमएच370 विमान की खोज?
विमान में सवार लोगों के परिजन खोज बंद किए जाने के बाद से ही मलयेशियाई सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए थे। उनकी मांग थी कि उनके करीबियों की खोज के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए। हालांकि, सरकार को कोई बड़ी सफलता नहीं मिलती दिखी।

इस फ्लाइट की आखिरी खोज इस साल अप्रैल में ही शुरू की गई थी, हालांकि बाद में खराब मौसम के चलते इसे रोक दिया गया था। इस पूरे कार्यक्रम को ओशियन इन्फिनिटी के साथ एक समझौते के तहत चलाया गया, जिसमें अगर विमान का मलबा नहीं मिलता है तो मलयेशिया सरकार उसे कोई रकम अदा नहीं करेगी। यह कंपनी पहले 2018 में भी एमएच 370 के मलबे को ढूंढने का प्रयास कर चुकी है, हालांकि तब उसे असफलता मिली थी।

करीब 10 साल बाद 2024 में मलयेशिया सरकार ने कहा कि उसे विमान के लापता होने से जुड़े कुछ सबूत हाथ लगे हैं और वह इसकी खोज से जुड़ी जांच फिर से शुरू करने के बारे में विचार कर रही है।

साभार : अमर उजाला

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