कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 32 हजार प्राइमरी स्कूल टीचर्स को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने 2023 के शिक्षक भर्ती फैसले को पलटते हुए नियुक्तियां बहाल करने का आदेश दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस रीतब्रतकुमार मित्रा की डिवीजन बेंच ने तत्कालीन जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच के आदेश को खारिज कर दिया है. उस आदेश में 32 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का निर्देश दिया गया था.
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद पश्चिम बंगाल के हायर एजुकेशन मिनिस्टर ब्रात्या बासू ने प्राइमरी टीचर्स को बधाई दी है. उन्होंने कहा, ‘आज हाईकोर्ट के आदेश पर प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड को बधाई. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 2023 का आदेश पलट दिया. अब 32 हजार प्राइमरी टीचर्स की नौकरी सुरक्षित है. शिक्षकों को भी बधाई. सत्य की जीत हुई.
12 मई 2023 को तत्कालीन जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देते हुए 32 हजार प्राइमरी टीचर्स की नियुक्तियां रद्द करने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि कम रैंक वाले कई उम्मीदवारों को पैसे लेकर नौकरी दिलाई गई और कई नियुक्तियां उचित साक्षात्कार के बिना या अप्रशिक्षित उम्मीदवारों की की गई थीं. साल 2014 में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट के जरिए 42,500 प्राइमरी टीचर्स की नियुक्ति हुई थी, जिनमें से 32 हजार की नियुक्ति रद्द करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने राज्य सरकार को दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और तीन महीने के अंदर भर्तियां कराने का आदेश दिया था.
सिंगल बेंच के इस आदेश पर जस्टिस सुब्रता तालुकदार और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य ने रोक लगा दी थी और राज्य सरकार को छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने 32 हजार शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के फैसले पर स्टे लगा दिया और मामला हाईकोर्ट के पास वापस भेज दिया. 12 नवंबर को जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस रीतब्रतकुमार मित्रा ने मामले की सुनवाई पूरी की.
साभार : एबीपी न्यूज
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