मंगलवार, दिसंबर 09 2025 | 10:28:44 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा तक आत्मघाती हमलों से दहला पाकिस्तान, 22 की मौत, 40 घायल

बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा तक आत्मघाती हमलों से दहला पाकिस्तान, 22 की मौत, 40 घायल

Follow us on:

क्वेटा. पाकिस्तान में मंगलवार को तीन घातक हमले हुए, जिनमें 22 लोगों की जान चली गई. अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों में एक आत्मघाती हमला बलूचिस्तान की रैली में हुआ, जिसमें एक हमलावर द्वारा खुद को उड़ा लेने की वजह से कम से कम 11 लोग मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि राजधानी क्वेटा के एक स्टेडियम के पार्किंग एरिया में हुए विस्फोट में 40 लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि पार्किंग एरिया में बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (BNP) के कई सदस्य मौजूद थे.

बलूचिस्तान में हुआ हमला

ईरान की सीमा से सटे हुए प्रांत बलूचिस्तान में मंगलवार को हुए एक अन्य हमले में पांच लोगों की जान चली गई और चार लोग घायल हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि जब उनका काफिला ईरान की सीमा के पास एक जिले से गुजर रहा था तभी एक देशी बम में विस्फोट हुआ, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई. इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी समूह ने नहीं ली है.

खैबर पख्तूनख्वा में आत्मघाती हमला

जानकारी के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उनके अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले में छह सैनिक मारे गए. एक अधिकारी ने बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को एफसी शिविर गेट से टकरा दिया, जिसके बाद पांच आत्मघाती हमलावर अंदर घुस गए. अधिकारी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि इसके बाद 12 घंटों तक गोलीबारी चली. उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में 6 हमलावर मारे गए. अधिकारी ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी समूह इत्तेहाद-उल-मुलजाहिदीन पाकिस्तान ने ली.

इस साल हो चुकी कई मौतें

न्यूज रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से अब तक बलूचिस्तान और उसके पड़ोसी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में राज्य के खिलाफ लड़ रहे सशस्त्र समूहों द्वारा की गई हिंसा में 430 से अधिक लोग मारे गए हैं. मारे गए लोगों में अधिकांश सुरक्षा बलों के सदस्य हैं. पाकिस्तानी सेना लगभग एक दशक से भी अधिक समय से इस प्रांत में उग्रवाद से जूझ रही है और 2024 में इस क्षेत्र में हिंसा कई गुना बड़ी है, जिसमें 782 लोग मारे गए.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

यमन में दो मुस्लिम देशों सऊदी अरब और यूएई के बीच छिड़ गया भयंकर युद्ध

सना. यमन को लेकर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच तनाव बढ़ रहा …