सोमवार, दिसंबर 08 2025 | 09:47:53 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / देश में पहली बार 3डी तकनीक से सीमा क्षेत्रों में बनेंगे सेना के बंकर

देश में पहली बार 3डी तकनीक से सीमा क्षेत्रों में बनेंगे सेना के बंकर

Follow us on:

नई दिल्ली. देश में पहली बार सिक्किम की सीमाओं पर बुनियादी ढांचे को तेजी से मजबूत करने की दिशा में भारतीय सेना ने एक बड़ा कदम उठाते हुए फॉरवर्ड इलाकों में ऑन-साइट 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक का सफलतापूर्वक संचालन शुरू कर दिया है। त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम और उससे सटे अग्रिम मोर्चों पर इस अत्याधुनिक तकनीक का वास्तविक तैनाती के साथ इस्तेमाल किया है। यह कदम भारतीय सेना और आईआईटी हैदराबाद के संयुक्त प्रोजेक्ट प्रबल (पोर्टेबल रोबोटिक प्रिंटर फ़ॉर प्रिंटिंग बंकर्स एंड एक्सेसरीज) के तहत संभव हुआ है। यह पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक है।

गुवाहाटी में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया भारतीय सेना ने सीमाई इलाकों में इंजीनियरिंग क्षमता बढ़ाने के लिए 3डी प्रिंटिंग तकनीक को अपनाने की तैयारी तेज कर दी है। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी और बर्फीले मोर्चों पर अब बंकरों से लेकर अन्य सुरक्षा ढांचे तक-सब कुछ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और रिकॉर्ड समय में बनाया जा सकेगा। यह तकनीक आने वाले दिनों में बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती देगी।

सेना ने कुछ अग्रिम चौकियों पर 3डी प्रिंटेड संरचनाओं का सफल ट्रायल किया है। भारी बर्फबारी, तेज़ हवाओं और भूकंपीय गतिविधियों जैसे मुश्किल हालात में भी ये ढांचे स्थिर पाए गए। पारंपरिक निर्माण की तुलना में 3डी प्रिंटिंग में समय कम लगता है और लागत भी घटती है। अधिकारी के मुताबिक, 3डी प्रिंटिंग से तैयार होने वाले बंकर, पोस्ट और स्टोरेज यूनिट न सिर्फ अधिक टिकाऊ होंगे, बल्कि सैनिकों को बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करेंगे। आपातकालीन हालात-जैसे फायरिंग, घुसपैठ या प्राकृतिक आपदा में तुरंत संरचना खड़ी करने की क्षमता सेना को बड़ी रणनीतिक बढ़त देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह तकनीक ‘भविष्य के युद्धक्षेत्र’ की आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। सेना का प्रयास है कि सीमाई इलाकों के अधिकांश संवेदनशील मोर्चों पर जल्द ही इस तकनीक से निर्माण कार्य को गति दी जाए।
कैसे काम करती है यह आधुनिक तकनीक
इस स्वदेशी रोबोटिक 3डी कंक्रीट प्रिंटर में, रोबोटिक आर्म, सर्कुलर मिक्सर, पिस्टन पंप, पावर जनरेटर जैसे उपकरण लगे हैं। यह पूरी तरह वाहन-पोर्टेबल है और पहाड़ी इलाकों में तेजी से ले जाया जा सकता है। फॉरवर्ड एरिया में तैनाती के बाद यह सुरक्षा ढांचे कुछ ही घंटों/दिनों में तैयार कर देता है।

जीवंत बैलिस्टिक ट्रायल में सफल
सेना द्वारा इस तकनीक से तैयार संरचनाओं पर लाइव बैलिस्टिक टेस्ट किए गए, जिनमें इसकी सुरक्षा क्षमता, मजबूती और ब्लास्ट रेसिस्टेंस पूरी तरह प्रमाणित हो चुकी है।

क्या है 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग का फायदा
अधिकारी का कहना है कि ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज्ड डिजाइन, ब्लास्ट और बुलेट प्रतिरोध में बढ़ोतरी, ज्यादा कंप्रेसिव स्ट्रेंथ, स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग, कठिन पहाड़ी इलाकों में भी तेजी से निर्माण, छुपाव और इलाके की मांग के अनुसार डिजाइन तैयार करने की सुविधा यह तकनीक किसी भी दुर्गम इलाके में अल्प समय में संरचना तैयार करने में सेना की बड़ी मदद करेगी।

सीमा पर तैयारी को मिली नई मजबूती
अधिकारी के मुताबिक अनुसार, ऑन-साइट 3डी प्रिंटिंग तकनीक का बढ़ता उपयोग सेना की इंजीनियरिंग की ताकत में बढ़ोतरी होगी। यह तेज, टिकाऊ और मिशन उन्मुख निर्माण को नई धार देने वाला कदम माना जा रहा है। सीमा के चुनौतीपूर्ण इलाकों में अब बंकरों से लेकर सुरक्षा ढांचे तक-सब कुछ पहले से अधिक मजबूत और रिकॉर्ड समय में तैयार हो सकेगा।

साभार : अमर उजाला

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:

https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6

यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

निजी गतिविधियों की तस्वीर लेना या वीडियो बनाना ही ताकझांक वाला क्राइम : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी महिला की सिर्फ तस्वीर खींचना या मोबाइल फोन …