नई दिल्ली. नोबेल समिति ने बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को रसायन विज्ञान में नोबल पुरस्कार की घोषणा की। साल 2025 के लिए रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर यागी को रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन तीनों वैज्ञानिकों को ‘धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास’ (डेवलपमेंट ऑफ मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क) के लिए केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया गया। इस साल ये पुरस्कार जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रलिया के वैज्ञानिकों को सम्मिलित रूप से दिया गया है।
मेडिसिन और फिजिक्स में किसे मिला नोबेल?
इससे पहले सोमवार 6 अक्टूबर को नोबेल पुरस्कारों का एलान शुरू हुआ था। सोमवार को मेडिसिन का नोबेल वैज्ञानिक मैरी ई। ब्रुनको, फ्रेड रामस्डेल और शिमोन सकागुची को दिया गया। वहीं मंगलवार को फिजिक्स का नोबेल तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों जॉन क्लार्क, मिशेल एच डेवोरेट, जॉन एम मार्टिनिस के नाम रहा। को मिला। इन तीनों को ये पुरस्कार ‘विद्युत परिपथ में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम, मैकेनिकल टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज के लिए दिया गया है।इसके बाद साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के नोबेल की घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी।
नोबेल प्राइज पाने वाले वैज्ञानिक को क्या मिलता है?
रसायन का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा हर साल रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट खोजों के लिए दिया जाता है। नोबेल प्राप्त करने वाले वैज्ञानिकों को इनाम के तौर पर कुल 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (यानी 12 मिलियन डॉलर) की राशि सम्मान के रूप में दी जाती है, साथ ही एक जैसी खोज के लिए एक से अधिक वैज्ञानिकों को साझेदारी में नोबेल प्राइज मिलता है तो ऐसी दशा में पुरस्कार राशि को सभी में बांट दिया जाता है.
साभार : दैनिक जागरण
Matribhumisamachar


