तेल अवीव. इ़जरायल की आर्मी (आईडीएफ) ने दावा किया है कि ईरान ने बड़े पैमाने पर मिसाइलों का उत्पादन शुरू कर दिया है। आईडीएफ ने देश की संसद में यह बात कही है। इजरायल और ईरान के बीच इस साल जून में 12 दिन का भीषण सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। इस दौरान ईरान की मिसाइल फैसिलिटी को इजरायल ने निशाना बनाया था। हालांकि अब इजरायल को लगता है कि ईरान की मिसाइल बनाने की क्षमता पहले जैसी हो गई है। इजरायली आर्मी ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार से इसे चेतावनी की तरह लेने की बात कही है।
इजरायली न्यूज वेबसाइट वायनेट के मुताबिक, आईडीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संसद को बताया कि ईरान ने जून के संघर्ष के बाद अपनी बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन क्षमता को फिर से बढ़ाना शुरू कर दिया है। इजरायली सैन्य अधिकारी की ओर से यह जानकारी ऐसे समय में आई है, जब ईरानी नेवी ने फारस की खाड़ी में बड़े पैमाने पर अभ्यास किया है। इस अभ्यास में बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइलें और ड्रोन शामिल किए गए। ईरान ने सार्क देशों के साथ भी बीते हफ्ते सैन्य अभ्यास किया है।
जून में हुआ था संघर्ष
इजरायल और अमेरिका ने जून में ईरान पर हवाई हमलों के बाद दावा किया था कि तेहरान ने अपनी मिसाइल क्षमता खो दी है। हालांकि अब इजरायल ही नहीं पश्चिमी देशों के राजनयिक भी कह रहे हैं कि ईरान मिसाइल रिकवरी में तेजी ला रहा है। सूत्रों का कहना है कि ईरान पुरानी तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए मिसाइल बना रहा है।
कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम भले तेजी से ना बढ़ा हो लेकिन बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता बहाल करना उसकी प्राथमिकता है। ईरानी मिसाइल इजरायल के साथ भविष्य के किसी भी संघर्ष में अहम होंगी। ईरान से टकराव के अंदेशे को देखते हुए आईडीएफ और बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में चिंता है।
इजरायल-ईरान तनाव
इजरायल और ईरान के बीच बीते कई दशकों से मतभेद रहे हैं। दोनों देशों में पर्दे से पीछे से लड़ाई का लंबा इतिहास रहा है। इस साल प्रॉक्सी वॉर से आगे निकलते हुए इजरायल-ईरान में सीधा सैन्य संघर्ष हुआ। ईरान और इजरायल के बीच जून में 12 दिन का भीषण युद्ध देखने को मिला था।
जून में हुई संघर्ष में दोनों ही पक्षों को बड़ी तादाद में जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा। दोनों देशों ने एक-दूसरे के क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हमले किए। इजरायल ने हवाई हमले किए तो जवाब में ईरान ने भी सैकड़ों मिसाइलें दागीं। दोनों पक्षों में 24 जून को युद्धविराम हुआ लेकिन तनाव बरकरार है।
साभार : नवभारत टाइम्स
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


